बटरफ्लाई इफेक्‍ट : कार्य कारण संबंधों का अंतहीन सिलसिला : Butterfly effect : Endless process of cause and effect

नोबल पुरस्‍कार विजेता गणितज्ञ जॉन नेश ने केओस थ्‍योरी दी है। इसके अनुसार अमेजन के जंगलों में जब एक तितली पंख फड़फड़ाती है तो उसके कारण आधी सदी बाद प्रशांत महासागर में तूफान आता है। इस कथन का तात्‍पर्य इतना ही है कि दुनिया की हर घटना दूसरी घटना से जुड़ी है। टाइम मशीन उपन्‍यास भी लगभग ऐसी थ्‍योरी पर बनाया गया है। जहां टाइम मशीन के जरिए भूतकाल में जाने के बाद हुई घटनाएं भविष्‍य को बदल सकती हैं। 

एक ज्‍योतिषी के रूप में मेरा मानना है कि हर घटना पूर्वनीयत होती है। यानी कोई भी घटना इस दुनिया में आकस्मिक नहीं होती, हर घटना के पीछे लंबा कार्यकारण संबंध होता है। चूंकि हमें पीछे की घटनाओं और उससे पैदा हुए प्रभाव की जानकारी नहीं होती, सो हम उसे आकस्मिक मान लेते हैं। यहीं से एक और क्‍लू मिलता है कि संयोग अनंत हैं, और कब कौनसा संयोग मिल जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में संयोगों और उसके संभावित परिणामों को लेकर बटरफ्लाई इफेक्‍ट फिल्‍म बनाई गई है। 

यह फिल्‍म मुझे स्‍वाभाविक रूप से प्रभावित करती है। फिल्‍म का कथनाक इसी पर आधारित है कि किसी एक घटना का प्रभाव पूरे जीवन को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है। कहानी में एक युवक है जिसके साथ यह समस्‍या होती है कि उसे बार बार मेंटल ब्‍लैकआउट का सामना करना पड़ता है। चिकित्‍सकों का मानना है कि बचपन से उसे कोई न्‍यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, लेकिन समय के साथ पता चलता है कि वह ब्‍लैक आउट का समय वास्‍तव में भविष्‍य से भूतकाल में जाने का समय होता है। 

अब वह युवक उस भूतकाल के ब्‍लैकआउट के समय को बदलने की क्षमता वाला समय सिद्ध होता है। युवक के जीवन की घटनाएं इसके साथ बदलती हैं। यानी एक ही फिल्‍म में कहानी कई बार बदलती है, हर बार जब युवक भूतकाल में जाकर किसी घटना का स्‍वरूप बदलता है तो उसका भावी जीवन पूरी तरह बदल चुका होता है, हालांकि इस प्रक्रिया के बाद युवक भारी ट्रॉमा का सामना करता है, लेकिन अंतत: वह अपने भूतकाल से भविष्‍य को बदल लेता है। हर बार यही समस्‍या होती है कि बदला हुआ भाग्‍य उसके अनुकूल नहीं होता।

बार बार के प्रयासों के बाद आखिर में युवक के पास अपनी डायरी में ब्‍लैकआउट के दौर में लिखी डायरी का आखिरी पन्‍ना होता है, यानी एक आखिरी चांस होता है कि वह अपना भविष्‍य पूरी तरह बदल ले… यहीं पर कहानी का क्‍लाइमेक्‍स होता है।