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Indian Ways

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ज्‍योतिषी सिद्धार्थ जगन्‍नाथ जोशी, पेशे से ज्‍योतिषी हैं। पूर्व में पत्रकारिता और ब्‍लॉगिंग के जमाने में ब्‍लॉगर रहे हैं। इस वेबसाइट पर अधिकांश लेख या तो ब्‍लॉग पर या सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर लिखे गए हैं। उन्‍हें यहां चस्‍पां किया गया है। कुछ लेख अन्‍य लेखकों के भी हैं, उनका संदर्भ संबंधित लेख के नीचे दिया गया है।

परम्पराओं की जकड़न

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एक पचपन की औरत आयी अपने बेटे, बहु और पति के साथ। समस्या थी, सास-बहू की कलह जो अब बहु को अवसाद में डाल...

I ORIGIN : अनुभूति के आयाम

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वर्ष 2014 में एक बहुत खूबसूरत फिल्‍म आई थी “I ORIGIN” फिल्‍म की शुरूआत अमरीका की एक हाईटेक लैब में होती है। एक रिसर्च...

छद्म और अंध विश्‍वास में अंतर है : स्किजोफ्रीनिया

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स्किजोफ्रीनिया के रोगी अंधविश्‍वासी होते हैं वे न केवल ईश्‍वर को देखते हैं बल्कि उनसे वार्तालाप भी करते हैं और कई बार उनके आदेशों...

हमें राजतंत्र की ही जरूरत है

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कहने को हम 15 अगस्‍त 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हो गए, और आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का एक भाग हैं,...

शादी करूंगा तो प्रियंका से ही

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हमारे यहां एक महाराज हैं, नाम नहीं लूंगा, लेकिन कहानी बताता हूं। धन का पता नहीं लेकिन महाराज तन-मन से कांग्रेसी थे, पूर्व प्रधानमंत्री...

यूं ही कोई बेवफा नहीं होता : आदर्श लिबरल

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धननन्‍द का शासन था, आमजन पर अत्‍याचार बढ़ता जा रहा था, सरकारी मशीनरी का कोई भी बंदा किसी भी आम इंसान के साथ बदसलूकी...

बाबा रामदेव के उत्‍थान और पतन से परे

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अगर किसी को लगता है कि बाबा रामदेव हिंदुत्‍व का चेहरा है तो यह उसकी समस्‍या है बाबा रामदेव की नहीं। बाबा रामदेव साधू...

सेल्‍फी इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी है

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आपने पिछले पांच छह सालों में एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों स्‍थानों पर इस आशय का लेख पढ़ा  होगा कि सेल्‍फी खींचना किस प्रकार...

महिलाओं पर आधारित अर्थव्‍यवस्‍था

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आज मैं कह सकता हूं, सरजमीने हिंद की औरतों, तुम्हें सलाम। ऐसा क्यों? इसका एक मोटा कारण है। रविवार को मैं जयपुर में था। मौका था...

मीडिया की नौकरी, उधार की इज्‍जत

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मैंने 2005 में पत्रकारिता शुरू की, वास्‍तव में यह कहना भी हास्‍यास्‍पद है, क्‍योंकि उस समय में मैंने राजस्‍थान पत्रिका की नौकरी शुरू की...

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