बजट 2025-26
वित्त मंत्री : निर्मला सीतारामन का भाषण
1 फरवरी, 2025
माननीय अध्यक्ष महोदय,
मैं वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रस्तुत करती हूँ।
प्रस्तावना
- यह बजटः
क) विकास में तेजी लाने,
ख) समावेशी विकास सुनिश्चित करने,
ग) निजी क्षेत्र के निवेशों में नई जान डालने,
घ) परिवारों के मनोभावों में उल्लास भरने, और
ङ) भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की खर्च करने की शक्ति को बढ़ाने
के लिए हमारी सरकार के प्रयासों को जारी रखेगा।
- हम सब मिलकर माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और अधिक संपन्नता लाने और विश्व में अपना स्थान बनाने और अपने राष्ट्र की अनंत क्षमता को बढ़ाने के लिए अपनी यात्रा कर रहे हैं।
- आज जब हम 21वीं सदी के प्रथम चौथांश तक की यात्रा पूरी कर रहे हैं, हमारे सामने प्रतिकूल भू-राजनीतिक परिस्थितियां हैं, जो मध्यम अवधि में वैश्विक आर्थिक विकास में कमी की ओर संकेत करती है। फिर भी, विकसित भारत की हमारी महत्वकांक्षा हमें प्रेरणा देती है और हमारी सरकार के पहले दो कार्यकाल के दौरान किए गए हमारे परिवर्तनकारी कार्य दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ने में हमारा पथ-प्रदर्शन करते हैं।
बजट की विषय-वस्तु
- हमारी अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पिछले 10 वर्षों में हमारे विकास के ट्रैक रिकार्ड और ढांचागत सुधारों ने विश्व का ध्यान हमारी ओर खींचा है। इस अवधि के दौरान, भारत की योग्यता और सामर्थ्य में भरोसा बढ़ता गया है। अगले 5 वर्षों को हम सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास में तेजी लाते हुए ‘सबका विकास’ को साकार करने के अद्वितीय अवसर के रूप में देखते हैं।
- महान तेलुगु कवि और नाटककार गुराजादा अप्पा राव ने कहा था, ‘Desamante Matti Kaadoi, Desamante Manushuloi’ – अर्थात् ‘कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है।’ इसके अनुरूप, हमारे लिए विकसित भारत में शामिल हैं:
क) गरीबी से मुक्ति;
ख) शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा;
ग) बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच;
घ) शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगार;
ङ) आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं; और
च) हमारे देश को ‘फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड’ बनाने वाले किसान।
- इस बजट में, प्रस्तावित विकास उपाय गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी को ध्यान में रखकर दस व्यापक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
1) कृषि के विकास और उत्पादकता को गति प्रदान करना;
2) ग्रामीण संपन्नता और अनुकूलन निर्माण;
3) समावेशी प्रगति के पथ पर सबको साथ लेकर चलना;
4) भारत में विनिर्माण बढ़ाना और मेक इन इंडिया को और आगे ले जाना;
5) एमएसएमई को सहायता देना;
6) रोजगार द्वारा विकास को समर्थ बनाना;
7) जनता, अर्थव्यवस्था और नवाचार में निवेश करना;
8) ऊर्जा आपूर्तियां सुनिश्चित करना;
9) निर्यात को बढ़ावा देना; और
10) नवाचार को पोषित करना।
- विकास की इस यात्रा के लिएः
क) हमारे चार शक्तिशाली इंजन हैं: कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात
ख) ईंधन हैं: हमारे सुधार
ग) हमारी मार्गदर्शक प्रेरणा हैः समावेशिता
घ) और लक्ष्य हैः विकसित भारत।
- इस बजट का उद्देश्य छह क्षेत्रों में परिवर्तनकारी सुधार करना है। इनसे अगले
5 वर्ष की अवधि के दौरान हमारी विकास क्षमता और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी। ये क्षेत्र हैं:
1) कराधान;
2) विद्युत क्षेत्र;
3) शहरी विकास;
4) खनन;
5) वित्तीय क्षेत्र; और
6) विनियामक सुधार।
प्रथम इंजन के रूप में कृषि
- अब मैं प्रथम इंजन के रूप में कृषि से शुरू करते हुए विशिष्ट प्रस्तावों की ओर बढ़ती हूँ।
प्रधान मंत्री धन-धान्य कृषि योजना – विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरणा लेकर हमारी सरकार राज्यों की भागीदारी से ‘प्रधान मंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ करेगी। इस कार्यक्रम में मौजूदा योजनाओं और विशिष्ट उपायों के अभिसरण के माध्यम से कम उत्पादकता, कम फसलों की बुआई और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य – (1) संवर्धित कृषि उत्पादकता, (2) फसल विविधता और सतत कृषि पद्धतियों को अपनाना, (3) पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसल कटाई के बाद भंडारण बढ़ाना, (4) सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना, और (5) दीर्घ-अवधि और लघु-अवधि ऋण की उपलब्धता को सुविधाजनक बनाना होगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।
ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण
- एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम राज्यों की भागीदारी से प्रारम्भ किया जाएगा। इससे कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में कम रोजगार का समाधान होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में अवसर पैदा करना है ताकि प्रवास एक विकल्प हो, न कि अनिवार्यता।
- यह कार्यक्रम ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, उपेक्षित और छोटे किसानों, और भूमिहीन परिवारों पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसका विवरण अनुलग्नक क में दिया गया है।
- वैश्विक और घरेलू सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को शामिल किया जाएगा और बहुपक्षीय विकास बैंकों से उपयुक्त तकनीकी और वित्तीय सहायता प्राप्त की जाएगी। पहले चरण में, 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।
दलहन में आत्मनिर्भरता
- हमारी सरकार खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तिलहन मिशन को कार्यान्वित कर रही है। हमारे किसानों के पास हमारी जरूरतों के लिए और इससे कहीं अधिक उपजाने का सामर्थ्य है।
- दस वर्ष पहले, हमने ठोस प्रयास किए थे और दलहनों में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सफलता पाई थी। किसानों ने 50 प्रतिशत तक फसल क्षेत्र को बढ़ाकर इसमें सहयोग दिया और सरकार ने खरीद और लाभकारी मूल्यों की व्यवस्था की थी। तब से, आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता के साथ दलहनों की हमारी खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- अब, हमारी सरकार, तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान के साथ 6-वर्षीय “दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन” प्रारम्भ करेगी। इसका विस्तृत विवरण अनुलग्नक ख पर दिया गया है। केंद्रीय एजेंसियों (नेफेड और एनसीसीएफ) में पंजीकरण और इनसे करार करने वाले किसानों से अगले 4 वर्षों के दौरान ये एजेंसियां इन 3 दलहनों की उतनी खरीद करने को तैयार रहेंगी जितनी उनके पास लायी जाएंगी।
सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम
- यह बात उत्साहवर्धक है कि हमारे लोग अपनी पोषण संबंधी आवश्यकताओं के बारे में लगातार जागरूक होते जा रहे हैं। यह समाज के स्वस्थ बनने की निशानी है। आय के स्तरों के बढ़ने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उपयोग अत्यधिक बढ़ रहा है। उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। कार्यान्वयन के लिए उपयुक्त संस्थानिक तंत्र स्थापित किया जाएगा और किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
बिहार में मखाना बोर्ड
- इसके लिए, बिहार के लोगों के पास एक विशेष अवसर है। मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा। इन कार्यकलापों में लगे लोगों को एफपीओ में संगठित किया जाएगा। यह बोर्ड मखाना किसानों को पथ-प्रदर्शन और प्रशिक्षण सहायता उपलब्ध कराएगा और यह सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य करेगा कि उन्हें सभी संगत सरकारी योजनाओं के लाभ मिलें।
राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन
- राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन का कार्यान्वयन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य (1) अनुसंधान परिवेश को बढ़ावा देना, (2) उच्च पैदावार, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूलन के गुणों से संपन्न बीजों का लक्षित विकास और प्रचार करना तथा (3) जुलाई 2024 से जारी किए गए बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।
मत्स्य उद्योग
- भारत मत्स्य उत्पादन और जलीय कृषि के क्षेत्र में विश्व भर में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। समुद्री खाद्य निर्यात का मूल्य `60 हजार करोड़ है। समुद्री क्षेत्र की अप्रयुक्त संभावनाओं के द्वार खोलने के लिए, हमारी सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र और गहरे समुद्रों से सतत मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल फ्रेमवर्क लाएगी।
कपास उत्पादकता मिशन
- कपास उगाने वाले लाखों किसानों के लाभ के लिए ‘कपास उत्पादकता मिशन’ की घोषणा करते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस पंच-वर्षीय मिशन से कपास कृषि की उत्पादकता और वहनीयता में पर्याप्त सुधार लाने में मदद मिलेगी और कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सर्वोत्तम सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। वस्त्र क्षेत्र के लिए हमारे 5एफ के समेकित विज़न के अनुरूप, इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी और भारत के परंपरागत वस्त्र क्षेत्र में नई जान फूंकने के लिए गुणवत्तापूर्ण कपास की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अधिक ऋण
- किसान क्रेडिट कार्डों (केसीसी) से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पकालिक ऋणों की सुविधा मिलती है। संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा `3 लाख से बढ़ाकर `5 लाख कर दी जाएगी।
असम में यूरिया संयंत्र
- यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए हमारी सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े तीन यूरिया संयंत्रों में उत्पादन पुनः प्रारंभ किया है। यूरिया की आपूर्ति और अधिक बढ़ाने के लिए नामरूप, असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए उत्प्रेरक के रूप में भारतीय डाक
- 1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों वाले भारतीय डाक को भारतीय डाक पेमेंट बैंक और 2.4 लाख डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क की सहायता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया जाएगा। इसका विवरण अनुलग्नक ग में दिया गया है।
- भारतीय डाक को विशाल सार्वजनिक लॉजिस्टिक संगठन के रूप में बदला जाएगा। इससे विश्वकर्माओं, नए उद्यमियों, महिलाओं, स्व-सहायता समूहों, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों तथा बड़े कारोबारी संगठनों की बढ़ती आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।
एनसीडीसी को सहायता
- हमारी सरकार सहकारी क्षेत्र के लिए एनसीडीसी के ऋण कार्यों के लिए सहायता प्रदान करेगी।
दूसरे इंजन के रूप में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई)
- अब मैं दूसरे इंजन के रूप में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की ओर बढ़ती हूँ, जिनमें 5.7 करोड़ एमएसएमई पर ध्यान के साथ विनिर्माण और सेवाएं शामिल हैं।
एमएसएमई के लिए वर्गीकरण मानदंड में संशोधन
- वर्तमान में 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले और हमारे विनिर्माण में 36 प्रतिशत का योगदान करने वाले 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत एमएसएमई मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के प्रयास कर रहे हैं। ये एमएसएमई अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ हमारे निर्यात में 45 प्रतिशत योगदान कर रहे हैं। एमएसएमई को अधिक व्यापक पैमाने पर दक्षता, प्रौद्योगिकीय उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच की सुविधा पाने में उनकी सहायता करने के उद्देश्य से सभी एमएसएमई के लिए वर्गीकरण से संबंधित निवेश और कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 और 2 गुणा तक बढ़ाया जाएगा। इससे उन्हें बड़े उद्यम बनने और हमारे युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने का आत्मविश्वास प्राप्त होगा। विवरण अनुलग्नक घ में दिया गया है।
गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता में पर्याप्त वृद्धि
- ऋण तक पहुंच में सुधार के लिए ऋण गारंटी कवर बढ़ाया जाएगा:
क) सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए, `5 करोड़ से बढ़ाकर `10 करोड़, जिससे अगले 5 वर्षों में `1.5 लाख करोड़ के अतिरिक्त ऋण उपलब्ध होंगे;
ख) स्टार्ट-अप के लिए, `10 करोड़ से बढ़ाकर `20 करोड़, जिसमें आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण 27 प्रमुख क्षेत्रों में ऋणों के लिए गारंटी शुल्क कम करके 1 प्रतिशत किया जाएगा; और
ग) उत्तम तरह से चल रहे निर्यातक एमएसएमई के लिए, `20 करोड़ तक के सावधि ऋण।
सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड
- हम उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए `5 लाख की सीमा वाले विशेष अनुकूल क्रेडिट कार्ड शुरू करेंगे। पहले वर्ष में, 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
स्टार्ट-अप के लिए निधियों का कोष
- स्टार्ट-अप के लिए वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को `91,000 करोड़ से अधिक की प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुई हैं। इन्हें `10,000 करोड़ के सरकारी अंशदान से स्थापित निधियों के कोष की सहायता प्राप्त है। अब, विस्तारित कार्यक्षेत्र और `10,000 करोड़ के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना की जाएगी।
पहली बार के उद्यमियों के लिए नई योजना
- पांच लाख महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इससे अगले 5 वर्षों के दौरान `2 करोड़ तक का सावधि ऋण उपलब्ध होगा। इस योजना में सफल स्टैंड-अप इंडिया स्कीम से प्राप्त अनुभवों को शामिल किया जाएगा। उद्यमशीलता और प्रबंधकीय कौशलों के लिए ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
श्रम-सघन क्षेत्रों के लिए उपाय
- श्रम-सघन क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार विशिष्ट नीतिगत और सहायक उपाय करेगी।
फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम
- भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु फोकस उत्पाद स्कीम कार्यान्वित की जाएगी। इस स्कीम में लेदर फुटवियर और उत्पादों के लिए सहायता के अलावा बिना लेदर वाले गुणवत्तापूर्ण फुटवियर के उत्पादन हेतु आवश्यक डिजाइन क्षमता, घटक विनिर्माण और मशीनों के लिए सहायता दी जाएगी। इस स्कीम से 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने, `4 लाख करोड़ का कारोबार और `1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात होने की उम्मीद है।
खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय
- राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना के आधार पर, हम भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने के लिए एक योजना कार्यान्वित करेंगे। इस योजना में क्लस्टरों, कौशलों और ऐसे विनिर्माण इको-सिस्टम के विकास पर जोर दिया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप उच्च गुणवत्ता वाले ऐसे अनूठे, नवीन और पर्यावरण अनुकूल खिलौने बनेंगे, जो ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण के लिए सहायता
- ‘पूर्वोदय’ में हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप, हम बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापित करेंगे। इस संस्थान से पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण कार्यकलापों को पुरजोर बढ़ावा मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप (1) किसानों के उत्पादों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से उनकी आमदनी बढ़ेगी, और (2) युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, उद्यमशीलता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
विनिर्माण मिशन – ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाना
- हमारी सरकार केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीतिगत सहायता, निष्पादन कार्ययोजनाएं, शासन और निगरानी फ्रेमवर्क उपलब्ध कराकर ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्यमों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना करेगी। इसका विवरण अनुलग्नक ङ में दिया गया है।
स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण
- जलवायु-अनुकूल विकास की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, यह मिशन स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण को भी सहायता प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य घरेलू मूल्यवर्धन में पर्याप्त सुधार करना और सोलर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटरों और कंट्रोलरों, इलेक्ट्रोलाइजरों, विंड टर्बाइनों, अत्यधिक वोल्टेज वाले ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरियों का हमारा इकोसिस्टम तैयार करना होगा।
तीसरे इंजन के रूप में निवेश
- अब, मैं तीसरे इंजन के रूप में निवेश की ओर बढ़ती हूँ, जिसमें लोगों में निवेश, अर्थव्यवस्था में निवेश और नवाचार में निवेश शामिल हैं।
क. लोगों में निवेश
सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम देश भर में 8 करोड़ से अधिक बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं और आकांक्षी जिलों एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगभग 20 लाख किशोरियों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करता है। इस पोषण संबंधी सहायता के लिए लागत मानदण्डों को समुचित रूप से बढ़ाया जाएगा।
अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं
- हमारे बच्चों में जिज्ञासा और नवाचार की भावना उत्पन्न करने तथा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में पचास हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी
- भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
भारतीय भाषा पुस्तक स्कीम
- हम स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजीटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना कार्यान्वित करने का प्रस्ताव करते हैं। इसका लक्ष्य विद्यार्थियों को अपने विषयों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना है।
राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र
- जुलाई, 2024 के बजट में घोषित की गई पहलों की दिशा में कार्य करते हुए, वैश्विक विशेषज्ञता और भागीदारी के साथ पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्रों को स्थापित किया जाएगा ताकि “मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशलों के साथ हमारे युवाओं को सुसज्जित किया जा सके। इस भागीदारी में पाठ्यक्रम डिजाइन, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, कौशल प्रमाणन फ्रेमवर्क और आवधिक समीक्षा को शामिल किया जाएगा।
आईआईटी में क्षमता का विस्तार
- 23 आईआईटी में विद्यार्थियों की कुल संख्या में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो विगत 10 वर्षों में 65,000 से बढ़कर 1.35 लाख हो गई है। वर्ष 2014 के पश्चात शुरू की गई 5 आईआईटी में अतिरिक्त अवसंरचना का सृजन किया जाएगा ताकि 6,500 और विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को सुविधाजनक बनाया जा सके। आईआईटी, पटना में छात्रावास और अन्य अवसंरचना संबंधी क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा।
शिक्षा हेतु एआई में उत्कृष्टता केंद्र
- मैंने 2023 में कृषि, स्वास्थ्य और धारणीय शहरों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी तीन उत्कृष्टता केंद्रों की घोषणा की थी। अब `500 करोड़ के कुल परिव्यय से शिक्षा हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा का विस्तार
- हमारी सरकार ने दस वर्षों में लगभग 1.1 लाख स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा सीटों को जोड़ा है और यह 130 प्रतिशत की वृद्धि है। अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटों को जोड़ने के लक्ष्य की दिशा में आगामी वर्ष में, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी।
सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र
- हमारी सरकार अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्रों को स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
शहरी आजीविका सुदृढ़ीकरण
- हमारी सरकार शहरी गरीबों और कमजोर समूहों को सहायता प्रदान करने को प्राथमिकता देती आ रही है। शहरी कामगारों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक स्कीम कार्यान्वित की जाएगी ताकि उनकी आय बढ़ाने, धारणीय आजीविका और जीवन का बेहतर स्तर प्राप्त करने में उनकी सहायता की जा सके।
पीएम स्वनिधि
- पीएम स्वनिधि योजना ने उच्च ब्याज दर वाले अनौपचारिक क्षेत्र के ऋणों से राहत पहुंचाते हुए 68 लाख स्ट्रीट वेंडरों को लाभान्वित किया है। इस सफलता को आगे बढ़ाते हुए, इस स्कीम को बैंकों से संवर्धित ऋण, `30,000 की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्डों और क्षमता विकास सहायता के साथ नवीकृत किया जाएगा।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के गिग कामगार नए युग की सेवा अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण गतिशीलता प्रदान करते हैं। इनके योगदान को मान्यता देते हुए, हमारी सरकार उनके पहचान पत्रों और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल प्रदान की जाएगी। इस उपाय से लगभग 1 करोड़ कामगारों को सहायता मिलने की उम्मीद है।
ख. अर्थव्यवस्था में निवेश
अवसंरचना में सार्वजनिक निजी भागीदारी
- अवसंरचना से जुड़ा प्रत्येक मंत्रालय 3 वर्ष पाइपलाइन वाली परियोजनाओं को लाएगा जिन्हें पीपीपी मोड में कार्यान्वित किया जा सके। राज्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और वे पीपीपी प्रस्तावों को तैयार करने के लिए आईआईपीडीएफ (भारत अवसंरचना परियोजना विकास निधि) स्कीम से सहायता ले सकते हैं।
अवसंरचना के लिए राज्यों को सहायता
- पूंजीगत व्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन हेतु राज्यों को 50-वर्ष की अवधि वाले ब्याज मुक्त ऋणों हेतु `1.5 लाख करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव किया जाता है।
परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना 2025-30
- वर्ष 2021 में घोषित प्रथम परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना की सफलता को आगे बढ़ाते हुए, नई परियोजनाओं में `10 लाख करोड़ की पूंजी निवेश के लिए वर्ष 2025-30 हेतु द्वित्तीय परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना को शुरू किया जाएगा। इस योजना को सहायता प्रदान करने के लिए विनियामक और राजकोषीय उपायों को सुसंगत बनाया जाएगा।
जल जीवन मिशन
- वर्ष 2019 से 15 करोड़ से अधिक परिवारों को नल से पेय जल प्रदान किया गया है जो ग्रामीण आबादी का 80 प्रतिशत हिस्सा है। 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए, बढ़े हुए कुल परिव्यय के साथ इस मिशन का विस्तार 2028 तक करने की घोषणा करते हुए मुझे खुशी हो रही है।
- इस मिशन का मुख्य ध्यान अवसंरचना की गुणवत्ता और “जन भागीदारी” के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में पाइप से जल आपूर्ति योजना के प्रचालन और रखरखाव (ओएण्डएम) पर होगा। राज्यों/संघ राज्य-क्षेत्रों के साथ पृथक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किया जाएगा ताकि इसकी निरंतरता और नागरिक केंद्रित जल सेवा सुपुर्दगी को सुनिश्चित किया जा सके।
शहरी क्षेत्र सुधार
- जुलाई के बजट प्रस्तावों को आगे बढ़ाते हुए, शासन, नगरपालिका सेवाओं, शहरी भूमि और आयोजना से संबंधित शहरी क्षेत्र सुधारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
शहरी चुनौती निधि
- जुलाई के बजट में घोषित ‘विकास केंद्रों के रूप में शहर’, ‘शहरों का सृजनात्मक पुनर्विकास’, और ‘जल एवं स्वच्छता’ के लिए प्रस्तावों को कार्यान्वित करने हेतु सरकार
`1 लाख करोड़ की शहरी चुनौती निधि स्थापित करेगी। - यह निधि भरोसेमंद परियोजनाओं की लागत के 25 प्रतिशत तक की धनराशि को इस शर्त के साथ वित्तपोषित करेगी कि लागत का कम से कम 50 प्रतिशत बाँड, बैंक ऋणों और पीपीपी से वित्तपोषित किया जाए। वर्ष 2025-26 के लिए `10,000 करोड़ के आवंटन का प्रस्ताव है।
विद्युत क्षेत्र सुधार
- हम राज्यों द्वारा बिजली वितरण सुधारों और अंतर-राज्य ट्रांसमिशन क्षमता के संवर्धन को प्रोत्साहित करेंगे। इससे बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति और क्षमता में सुधार होगा। राज्यों को इन सुधारों पर कार्य करने पर जीएसडीपी की 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त उधारी की अनुमति दी जाएगी।
विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन
- हमारे ऊर्जा परिवर्तन संबंधी प्रयासों के लिए वर्ष 2047 तक कम से कम 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा का विकास अत्यावश्यक है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी हेतु परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणुवीय नुकसान के लिए सिविल दायित्व अधिनियम में संशोधन किए जाएंगे।
- लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) के अनुसंधान और विकास के लिए `20,000 करोड़ के परिव्यय के साथ एक परमाणु ऊर्जा मिशन स्थापित किया जाएगा। वर्ष 2033 तक स्वदेशी रूप से विकसित कम से कम 5 एसएमआर क्रियाशील हो जाएंगे।
पोत निर्माण
- लागत संबंधी हानियों के समाधान के लिए पोत निर्माण वित्तीय सहायता नीति को नवीकृत किया जाएगा। इसमें चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारतीय यार्डों में शिप ब्रेकिंग के लिए क्रेडिट नोट भी शामिल होंगे।
- अवसंरचना सुसंगत मास्टर लिस्ट (एचएमएल) में निर्दिष्ट आकार से अधिक बड़े जलपोतों को शामिल किया जाएगा।
- जलपोतों की रेंज, श्रेणियों और क्षमता को बढ़ाने के लिए शिप बिल्डिंग क्लस्टरों को सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें संपूर्ण इको-सिस्टम का विकास करने के लिए अतिरिक्त अवसंरचना सुविधाएं, कौशल और प्रौद्योगिकी भी शामिल होंगी।
सामुद्रिक विकास निधि
- सामुद्रिक उद्योग के लिए दीर्घावधिक वित्तपोषण के लिए `25,000 करोड़ की निधि के साथ एक सामुद्रिक विकास निधि स्थापित की जाएगी। यह निधि वितरित सहायता और प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करने के लिए होगी इसमें सरकार द्वारा 49 प्रतिशत तक अंशदान किया जाएगा और शेष राशि पत्तनों और निजी क्षेत्र से जुटाई जाएगी।
उड़ान – क्षेत्रीय कनेक्टिविटी स्कीम
- उड़ान ने 1.5 करोड़ मध्यवर्गीय लोगों को तीव्र यात्रा करने की उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने में समर्थ बनाया है। इस स्कीम ने 88 हवाई अड्डों को जोड़ा है और 619 रूटों को क्रियाशील बनाया है। इस सफलता से प्रेरित होकर, एक संशोधित उड़ान स्कीम शुरू की जाएगी ताकि अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके और 4 करोड़ यात्रियों को ऐसी परिवहन सुविधा दी जा सके। यह योजना पर्वतीय, आकांक्षी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाईअड्डों को भी सहायता प्रदान करेगी।
बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट
- 68. बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्टों की सुविधा प्रदान की जाएगी ताकि राज्य की भावी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। ये पटना एयरपोर्ट और बिहटा में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट की क्षमता के विस्तार के अलावा होंगे।
मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना
- पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा।
खनन क्षेत्र सुधार
- सर्वोत्तम पद्धतियों के आदान-प्रदान और राज्य खनन सूचकांक की संस्थापना के माध्यम से लघु खनिजों सहित खनन क्षेत्र में सुधार किए जाएंगे।
- अवशिष्ट पदार्थों से महत्वपूर्ण खनिज प्राप्त करने के लिए एक नीति तैयार की जाएगी।
स्वामिह निधि 2
- किफायती और मध्यम आय आवास के लिए विशेष विंडो (स्वामिह) के अंतर्गत विशिष्ट आवास परियोजनाओं में पचास हजार आवासीय इकाइयों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है और घर खरीदने वालों को इनकी चाबियां सौंप दी गई हैं। अन्य चालीस हजार इकाइयों का निर्माण कार्य वर्ष 2025 में पूरा कर लिया जाएगा, जिससे उन मध्य वर्गीय परिवारों को मदद मिलेगी जो ऋण पर ईएमआई का भुगतान कर रहे थे और साथ ही अपने वर्तमान आवास में रहने के लिए किराये का भुगतान भी कर रहे थे।
- इस सफलता से प्रेरित होकर, सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के अंशदान के साथ एक मिश्रित वित्तीय सुविधा के रूप में स्वामिह निधि 2 बनाई जाएगी। `15,000 करोड़ की इस निधि का लक्ष्य अन्य 1 लाख इकाइयों को शीघ्र पूरा करना है।
निजी क्षेत्र के लिए गति शक्ति डाटा
- पीपीपी को आगे बढ़ाने और परियोजना की रूपरेखा तैयार करने में निजी क्षेत्र की सहायता करने के लिए पीएम गति शक्ति पोर्टल से संगत डाटा और मानचित्र प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
रोजगार प्रेरित विकास के लिए पर्यटन
- देश में शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को राज्यों की भागीदारी से चैलेंज मोड माध्यम से विकसित किया जाएगा। महत्वपूर्ण अवसंरचना के निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था राज्यों द्वारा की जाएगी। उन स्थलों के होटलों को अवसंरचना एचएमएल में शामिल किया जाएगा।
- रोजगार प्रेरित विकास को सुगम बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाएंगेः
1) आतिथ्य प्रबंधन संस्थानों सहित हमारे युवाओं के लिए गहन कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन;
2) होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्रदान करना;
3) पर्यटन स्थलों में यात्रा की सुगमता और संपर्क में सुधार करना;
4) पर्यटकों हेतु सुख-सुविधाएं, स्वच्छता और विपणन संबंधी प्रयासों सहित प्रभावी पर्यटन-स्थल प्रबंधन के लिए राज्यों को निष्पादन संबद्ध प्रोत्साहन प्रदान करना; और
5) कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीजा-शुल्क छूट के साथ-साथ ई-वीजा की सुविधाओं को सुव्यवस्थित करना।
- जुलाई के बजट में आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व वाले स्थानों पर जोर देने के क्रम को आगे बढ़ाते हुए, भगवान बुद्ध के जीवन-काल से संबंधित स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भारत में चिकित्सा पर्यटन और स्वास्थ्य लाभ
- क्षमता निर्माण और आसान वीजा मानदंडों के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी से भारत में चिकित्सा पर्यटन और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा दिया जाएगा।
ग. नवाचार में निवेश
अनुसंधान, विकास और नवाचार
- जुलाई के बजट में घोषित निजी क्षेत्र से प्रेरित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहलों को कार्यान्वित करने के लिए, मैं अब `20,000 करोड़ आवंटित कर रही हूँ।
डीप टेक निधियों का कोष
- इस पहल के एक हिस्से के रूप में अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को उत्प्रेरित करने के लिए डीप टेक निधियों के कोष पर भी विचार किया जाएगा।
पी एम अनुसंधान अध्येतावृत्ति
- पीएम अनुसंधान अध्येतावृत्ति योजना के अंतर्गत अगले पांच वर्षों में संवर्धित वित्तीय सहायता के साथ आईआईटी और आईआईएससी में प्रौद्योगिकीय अनुसंधान के लिए दस हजार अध्येतावृत्तियां प्रदान की जाएगी।
फसल जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक
- भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को अनुवांशिक अनुसंधान के लिए संरक्षण सहायता प्रदान करेगी।
राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन
- हम बुनियादी भू-स्थानिक अवसंरचना और डाटा विकसित करने के लिए राष्ट्रीय
भू-स्थानिक मिशन शुरू करेंगे। पीएम गति शक्ति का उपयोग करते हुए यह मिशन भू-अभिलेखों, शहरी योजना और अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के डिजाइन के आधुनिकीकरण में सुविधा प्रदान करेगी।
ज्ञान भारतम मिशन
- शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहकर्त्ताओं के साथ हमारी पांडुलिपि के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन शुरू किया जाएगा जिसमें 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को शामिल किया जाएगा। ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली का एक राष्ट्रीय डिजिटल संग्रह स्थापित किया जाएगा।
- अब, मैं चौथे इंजन के रूप में निर्यात की तरफ बढ़ती हूँ।
चौथे इंजन के रूप में निर्यात
निर्यात संवर्धन मिशन
- हम क्षेत्रीय और मंत्रालयी लक्ष्यों के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन शुरू करेंगे जिसे वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा। इससे निर्यात ऋण तक आसान पहुंच और क्रॉस बॉर्डर फैक्टरिंग सहायता की सुविधा प्राप्त होगी और एमएसएमई को विदेशी बाजारों में गैर-टैरिफ की समस्या का सामना करने में मदद मिलेगी।
भारत ट्रेडनेट
- व्यापार प्रलेखीकरण और वित्तपोषण समाधानों के लिए एक एकीकृत प्लेटफार्म के रूप में अंतरराष्ट्रीय व्यापार हेतु ‘भारत ट्रेडनेट’ (बीटीएन) नामक एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना स्थापित की जाएगी। यह एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म में सहयोग प्रदान करेगी। बीटीएन को अंतरराष्ट्रीय पद्धतियों के साथ सुसंगत बनाया जाएगा।
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ एकीकरण हेतु सहायता
- वैश्विक आपूर्ति श्रंखला के साथ हमारी अर्थव्यवस्था को जोड़ने के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास हेतु सहायता प्रदान की जाएगी। वस्तुनिष्ठ मानदण्डों के आधार पर क्षेत्रों की पहचान की जाएगी।
- चुनिंदा उत्पादों और आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और उद्योगों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ सुविधा समूह गठित किए जाएंगे।
- इसके माध्यम से, इंडस्ट्री 4.0 में बहुत से अवसर मौजूद हैं जिनके लिए उच्च कौशल और प्रतिभा की आवश्यकता होती है। हमारे युवाओं के पास ये दोनों गुण हैं। युवाओं के लाभ के लिए इस अवसर का लाभ उठाने हेतु हमारी सरकार घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उद्योग को सहायता प्रदान करेगी।
जीसीसी के लिए राष्ट्रीय फ्रेमवर्क
- उभरते हुए टियर 2 शहरों में वैश्विक क्षमता केन्द्रों को बढ़ावा देने में राज्यों का मार्गदर्शन करने के लिए एक राष्ट्रीय फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। यह प्रतिभा और अवसंरचना की उपलब्धता को बढ़ाने, भवन- उपनियम सुधारों के लिए उपायों और उद्योगों के साथ सहयोग हेतु एक तंत्र का सुझाव देगा।
एयर कार्गों के लिए भंडारगृह की सुविधा
- हमारी सरकार उच्च मूल्य के शीघ्र खराब होने वाले बागवानी उत्पादों सहित एयर कार्गों हेतु अवसंरचना और भंडारगृह के उन्नयन के लिए सुविधा प्रदान करेगी। कार्गों जांच और सीमा शुल्क प्रोटोकॉल को सुव्यवस्थित और प्रयोक्ता अनुकूल बनाया जाएगा।
ईंधन के रूप में सुधार
- अब मैं ‘ईंधन के रूप में सुधारों’ की तरफ बढ़ती हूँ और विशिष्ट सुधारों का उल्लेख करती हूँ।
कर सुधार
- विगत 10ं विस्तार के अलावा होंगे। वर्षों में, हमारी सरकार ने करदाताओं की सुविधा के लिए बहुत से सुधार किए हैं, जैसे कि (1) अप्रत्यक्ष कर-निर्धारण (2) करदाता चार्टर (3) त्वरित विवरणी (4) स्व-कर निर्धारण पर लगभग 99 प्रतिशत विवरणी और (5) विवाद से विश्वास स्कीम। इन प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए, मैं, कर विभाग के “पहले विश्वास बाद में जांच” संबंधी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराती हूँ। मैं, अगले सप्ताह नया आयकर विधेयक प्रस्तुत करने का भी प्रस्ताव करती हूँ। मैं, भाग ख में अप्रत्यक्ष कर सुधारों और प्रत्यक्ष करों में किए जाने वाले परिवर्तनों का विस्तृत विवरण दूंगी।
वित्तीय क्षेत्र में सुधार और विकास
बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
- बीमा क्षेत्र के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाएगा। यह संवर्द्धित सीमा उन कम्पनियों के लिए उपलब्ध होगी, जो भारत में सम्पूर्ण प्रीमियम का निवेश करेंगी। विदेशी निवेश से सम्बद्ध मौजूदा सीमाओं और प्रतिबंधिताओं की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरलीकृत किया जाएगा।
भारतीय डाक भुगतान बैंक की सेवाओं का विस्तार
- भारतीय डाक भुगतान बैंक की सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में दूर तक पहुँचाया जाएगा और इनका विस्तार किया जाएगा।
एनएबीएफआईडी द्वारा ऋण संवर्द्धन सुविधा
- एनएबीएफआईडी अवसंरचना के लिए कॉरपोरेट बाँड हेतु एक ‘आंशिक ऋण संवर्द्धन सुविधा’ स्थापित करेगा।
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसएचजी सदस्यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ फ्रेमवर्क विकसित करेंगे।
पेंशन क्षेत्र
- पेंशन उत्पादों के विनियमित समन्वय और विकास के लिए एक फोरम की स्थापना की जाएगी।
केवाईसी का सरलीकरण
- केवाईसी प्रकिया को सरल बनाने के संबंध में की गई पूर्व घोषणा के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2025 में केन्द्रीय केवाईसी रजिस्ट्री का पुनरुद्धार किया जाएगा। हम आवधिक अद्यतनीकरण के लिए एक सुव्यवस्थित प्रणाली लागू करेंगे।
कंपनियों का विलय
- कंपनियों के विलय की त्वरित अनुमोदन संबंधी आवश्यकताओं और प्रक्रियाओं को तर्कसंगत बनाया जाएगा। शीघ्र विलय के दायरे में भी विस्तार किया जाएगा और प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा।
द्विपक्षीय निवेश संधियां
- अंतरिम बजट में यथा प्रस्तावित, हमने वर्ष 2024 में दो देशों के साथ द्विपक्षीय निवेश संधियों (बीआईटी) पर हस्ताक्षर किए। सतत विदेशी निवेश को बढ़ावा देने और ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’ की भावना से मौजूदा मॉडल बीआईटी का पुनरुद्धार करके इसे और अधिक निवेशक अनुकूल बनाया जाएगा।
विनियामक सुधार
- पिछले 10 वर्षों के दौरान वित्तीय और गैर-वित्तीय सहित विभिन्न पहलुओं में, हमारी सरकार ने ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता दिखाई है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित हैं कि हमारे विनियम प्रौद्योगिकीय नवाचारों और वैश्विक नीतिगत विकास के साथ सामंजस्य स्थापित करे। सिद्धांत और विश्वास आधारित एक सरल विनियामक फ्रेमवर्क से उत्पादकता और रोजगार में वृद्धि होगी। इस फ्रेमवर्क के माध्यम से, हम पुराने कानूनों के तहत बनाए गए विनियमों को अद्यतन करेंगे। इक्कीसवीं सदी के लिए उपयुक्त इस आधुनिक, लचीली, जन-उपयोगी और विश्वास आधारित विनियामक फ्रेमवर्क को विकसित करने के लिए, मैं, चार विशिष्ट उपायों का प्रस्ताव करती हूँ:
विनियामक सुधार हेतु उच्चस्तरीय समिति
- सभी गैर-वित्तीय क्षेत्र संबंधी विनियमों, प्रमाणन, लाइसेंस और अनुमतियों की समीक्षा करने के लिए विनियामक सुधार हेतु उच्चस्तरीय समिति गठित की जाएगी। समिति से एक वर्ष के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने की उम्मीद होगी। इसका उद्देश्य विश्वास आधारित आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करके परिवतर्नशील उपाय करना है ताकि विशेषकर निरीक्षण और अनुपालन के मामलों में ‘व्यवसाय करने की सुगमता’ को बढ़ाया जा सके। राज्यों को भी इस प्रयास में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
राज्यों का निवेश अनुकूल सूचकांक
- प्रतिस्पर्धी समन्वित संघवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2025 में राज्यों का निवेश अनुकूल सूचकांक शुरू किया जाएगा।
एफएसडीसी तंत्र
- वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के अंतर्गत, वर्तमान वित्तीय विनियमों और सहायक अनुदेशों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह तंत्र उनकी जबावदेही बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास के लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार करेगा।
जन विश्वास विधेयक 2.0
- जन विश्वास अधिनियम, 2023 में, 180 से अधिक कानूनी प्रावधानों को गैर-आपराधिक घोषित कर दिया गया था। हमारी सरकार अब विभिन्न कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाने के लिए जन विश्वास विधेयक 2.0 लाएगी।
राजकोषीय नीति
- अब मैं, राजकोषीय नीति के बारे में बताना चाहूँगी।
राजकोषीय सुदृढ़ीकरण
- जुलाई के बजट में, मैंने राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के मार्ग पर बने रहने की प्रतिबद्धता जताई थी। हम राजकोषीय घाटे को प्रत्येक वर्ष इस प्रकार से रखने का प्रयास करेंगे कि केन्द्रीय सरकार का ऋण, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में गिरते क्रम में बना रहे। अगले 6 वर्षों के लिए रोडमैप का विस्तृत ब्यौरा एफआरबीएम विवरण में दिया गया है।
संशोधित अनुमान 2024-25
- उधारियों के अलावा कुल प्राप्तियों का संशोधित अनुमान `31.47 लाख करोड़ है, जिसमें से निवल कर प्राप्तियां `25.57 लाख करोड़ है। कुल व्यय का संशोधित अनुमान `47.16 लाख करोड़ है, जिसमें से पूंजीगत व्यय लगभग `10.18 लाख करोड़ है।
- राजकोषीय घाटे का संशोधित अनुमान जीडीपी का 4.8 प्रतिशत है।
बजट अनुमान 2025-26
- वर्ष 2025-26 में, उधारियों के अतिरिक्त कुल प्राप्तियां और कुल व्यय क्रमश: `34.96 लाख करोड़ तथा `50.65 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। निवल कर प्राप्तियां `28.37 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।
- राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- 114. राजकोषीय घाटे को वित्तपोषित करने के लिए, दिनांकित प्रतिभूतियों से निवल बाजार उधारियों के `11.54 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। शेष वित्तपोषण लघु बचतों और अन्य स्रोतों से आने की संभावना है। सकल बाजार उधारियां `14.82 लाख करोड़ रहने का अनुमान है।
अब में भाग ख की ओर बढ़ती हूँ।
भाग ख
अप्रत्यक्ष कर
- 115. सीमा-शुल्कों से संबंधित मेरे प्रस्तावों का उद्देश्य टैरिफ संरचना को युक्तिसंगत बनाना और शुल्क प्रतिलोम का समाधान करना है। इससे घरेलू विनिर्माण और मूल्य वर्धन को सहायता मिलेगी, निर्यातों को बढ़ावा मिलेगा, व्यापार सुविधाजनक बनेगा और आम आदमी को राहत भी मिलेगी।
औद्योगिक वस्तुओं के लिए सीमा-शुल्क टैरिफ संरचना को युक्तिसंगत बनाना
- 116. जुलाई, 2024 के बजट में घोषित सीमा-शुल्क दर संरचना की व्यापक समीक्षा के भाग के रूप में:
(i) मैं, सात टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव करती हूँ। यह 2023-24 के बजट में हटाई गई सात टैरिफ दरों के अतिरिक्त है। इसके बाद, शेष बची टैरिफ दरें ‘शून्य’ दर सहित आठ रह जाएंगी।
(ii) मोटे तौर पर प्रभावी शुल्क दायित्व बनाए रखने के लिए कुछ मदों, जहां ऐसा दायित्व मामूली रूप से कम होगा, को छोड़कर उपयुक्त कर लगाने का प्रस्ताव करती हूँ।
(iii) एक से अधिक उपकर अथवा अधिभार नहीं लगाने का प्रस्ताव करती हूँ। इसलिए, मैं, उपकर के अधीन 82 टैरिफ लाइनों पर समाज कल्याण अधिभार से छूट देने का प्रस्ताव करती हूँ।
- 117. मैं, अब क्षेत्र विशिष्ट प्रस्ताव प्रस्तुत करती हूँ।
औषधि/दवाओं के आयात पर राहत
- 118. मैं, रोगियों, विशेष रूप से, कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों से पीड़ित रोगियों को राहत देने के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों और दवाओं को बुनियादी सीमा-शुल्क (बीसीडी) से पूरी तरह छूट-प्राप्त दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव करती हूँ। मैं, 6 जीवनरक्षक दवाओं को 5% के रियायती सीमा-शुल्क वाली दवाओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव करती हूँ। पूर्ण छूट और रियायती शुल्क उपर्युक्त के निर्माताओं के लिए थोक औषधियों पर भी इसी प्रकार लागू होंगे।
- औषध कंपनियों द्वारा चलाए जाने वाले रोगी सहायता कार्यक्रमों के अंतर्गत विशिष्ट औषधियां और दवाएं बीसीडी से पूरी तरह छूट-प्राप्त हैं, बशर्तें कि दवाओं की आपूर्ति रोगियों को निःशुल्क की जाएं। मैं, 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों के साथ-साथ 37 अन्य दवाओं को इसमें शामिल करने का प्रस्ताव करती हूँ।
घरेलू विनिर्माण और मूल्य वर्धन को सहायता
महत्वपूर्ण खनिज
- 120. जुलाई, 2024 के बजट में, मैंने 25 ऐसे महत्वपूर्ण खनिजों पर बीसीडी से पूरी तरह छूट प्रदान की थी जो घरेलू तौर पर उपलब्ध नहीं हैं। मैंने 2 अन्य ऐसे खनिजों पर भी बीसीडी कम की थी ताकि विशेष रूप से एमएसएमई द्वारा उनकी प्रोसेसिंग को बड़ा प्रोत्साहन दिया जा सके। अब मैं, कोबाल्ट पाउडर और लिथियम-आयन बैटरी, पारा, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों के अपशिष्ट एवं अवशिष्ट पर पूरी तरह से छूट का प्रस्ताव करती हूँ। इससे भारत में विनिर्माण के लिए उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा हमारे युवाओं के लिए और अधिक रोजगार को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।
वस्त्र
- 121. मैं, प्रतिस्पर्धी मूल्यों पर तकनीकी वस्त्र उत्पादों जैसे कि कृषि-वस्त्रों, चिकित्सा वस्त्रों, भू-वस्त्रों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से छूट प्राप्त वस्त्र मशीनरी की सूची में दो अन्य प्रकार के शटल-रहित करघों को शामिल करने का प्रस्ताव करती हूँ। मैं, नौ टैरिफ लाइनों द्वारा कवर किए गए बुने वस्त्रों पर “10% अथवा 20%” के बीसीडी दर को संशोधित कर “20% अथवा 115 रुपए प्रति किलोग्राम, जो भी अधिक हो” करने का भी प्रस्ताव करती हूँ।
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं
- 122. हमारे ‘मेक इन इंडिया’ नीति के अनुरूप, और प्रतिलोम शुल्क संरचना को ठीक करने के लिए, मैं, इंटरैक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले (आईएफडीपी) पर बीसीडी को 10% से बढ़ाकर 20% करने और ओपन सेल तथा अन्य घटकों पर बीसीडी को कम करके 5% करने का प्रस्ताव करती हूँ।
- 123. वर्ष 2023-24 के बजट में, मैंने एलसीडी/एलईडी टेलीविजन के ओपन सेल के विनिर्माताओं के लिए, ओपन सेल के पुर्जों पर बीसीडी को 5% से कम करके 2.5% कर दिया था। ऐसे ओपन सेल के विनिर्माताओं को और बढ़ावा देने के लिए, अब इन पुर्जों पर बीसीडी छूट-प्राप्त होगी।
लिथियम आयन बैटरी
- 124. मैं, इलेक्ट्रिक वाहनों के बैटरी के विनिर्माण के लिए 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं और मोबाइल फोन बैटरी विनिर्माण हेतु 28 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुओं को छूट-प्राप्त पूंजीगत वस्तुओं की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव करती हूँ। इससे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों दोनों के लिए लिथियम आयन बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
पोत परिवहन क्षेत्र
- 125. यह मानते हुए कि पोत-निर्माण में उत्पादन शुरू करने से पहले की अवधि लम्बी होती है, मैं, जलपोतों के विनिर्माण के लिए कच्चे माल, घटकों, उपभोज्यों अथवा पुर्जों पर अगले दस वर्षों तक बीसीडी से छूट जारी रखने का प्रस्ताव करती हूँ। मैं, पुराने पोतों को तोड़ने (शिप-ब्रेकिंग) को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए इस पर समान छूट देने का प्रस्ताव भी करती हूँ।
दूरसंचार
- 126. मैं, वर्गीकरण के विवादों को रोकने के लिए कैरियर ग्रेड इथरनेट स्विच पर बीसीडी को नॉन-कैरियर ग्रेड इथरनेट स्विच के समकक्ष लाने हेतु 20% से कम करके 10% करने का प्रस्ताव करती हूँ।
निर्यात संवर्धन
हस्तशिल्प वस्तुएं
- 127. हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, मैं, निर्यात की समयावधि को छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव करती हूँ, जिसे आवश्यकता पड़ने पर आगे और तीन महीनों के लिए बढ़ाया जा सकता है। मैं, शुल्क-मुक्त इनपुट की सूची में नौ और मदों को शामिल करने का प्रस्ताव भी करती हूँ।
लेदर क्षेत्र
- 128. मैं, घरेलू मूल्य वर्धन और रोजगार के लिए आयात को सुविधाजनक बनाने के लिए वेट ब्लू लेदर पर बीसीडी से पूर्ण छूट देने का प्रस्ताव करती हूँ। मैं, छोटे चर्मशोधकों द्वारा निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए क्रस्ट लेदर को 20% निर्यात शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव भी करती हूँ।
समुद्री उत्पाद
- 129. वैश्विक समुद्री खाद्य बाजार में भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए विनिर्माण हेतु फ्रोजन फिश पेस्ट (सुरीमी) और इसके जैसे उत्पादों के निर्यात पर बीसीडी को 30% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव करती हूँ। मैं, मछलियों और झींगे के आहार बनाने के लिए फिश हाइड्रोलीसेट पर बीसीडी को 15% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव भी करती हूँ।
रेल वस्तुओं के लिए घरेलू एमआरओ
- 130. जुलाई, 2024 बजट में, वायुयानों और जलपोतों के लिए घरेलू एमआरओ के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, मैंने, मरम्मत के लिए आयातित विदेशी मूल की वस्तुओं के निर्यात की समय-सीमा 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष की थी, जिसे आगे और एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है। मैं, अब रेल वस्तुओं के लिए भी इसी छूट का प्रस्ताव करती हूँ।
व्यापार सुविधा
प्रोविजनल कर-निर्धारण की समय-सीमा
- 131. वर्तमान में, सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 में प्रोविजनल कर-निर्धारणों को अंतिम रूप देने के लिए किसी समय-सीमा का प्रावधान नहीं है, जिससे व्यापार में अनिश्चितता रहती है और लागत बढ़ती है। व्यवसाय करने की सुगमता को बढ़ावा देने के उपाय के रूप में, मैं प्रोविजनल कर-निर्धारण को अंतिम रूप देने के लिए दो वर्षों की समय-सीमा तय करने का प्रस्ताव करती हूँ, जिसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
स्वैच्छिक अनुपालन
- 132. मैं, एक नया प्रावधान शुरू करने का प्रस्ताव करती हूँ, जिससे आयातक या निर्यातक माल की मंजूरी के बाद स्वेच्छा से महत्वपूर्ण तथ्यों की घोषणा कर सकें और जुर्माने के बिना ब्याज सहित शुल्क का भुगतान कर सकें। इससे स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहन मिलेगा। तथापि, यह प्रावधान उन मामलों पर लागू नहीं होगा, जिनमें विभाग पहले ही लेखापरीक्षा या अन्वेषण कार्यवाही शुरू कर चुका है।
अंतिम उपयोग की समय-सीमा का विस्तार
- 133. उद्योग को अपने आयातों की बेहतर योजना बनाने के उद्देश्य से मैं, संगत नियमों में आयातित इनपुट के अंतिम उपयोग की समय-सीमा छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव करती हूँ। इससे लागत और आपूर्ति की अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए प्रचालन संबंधी लचीलापन मिलेगा। इसके अलावा, ऐसे आयातकों को मासिक विवरण की बजाय अब केवल तिमाही विवरण दाखिल करना होगा।
प्रत्यक्ष कर
अब मैं, अपने प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों पर आती हूँ:
- भाग क में, मैंने विकसित भारत के हमारे विज़न को साकार करने के लिए कराधान सुधारों को मुख्य सुधारों के रूप में संक्षिप्त रूप में रेखांकित किया है। आपराधिक विधि के संबंध में, हमारी सरकार ने हाल ही में भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता को अधिनियमित किया है। मुझे इस सम्मानित सदन और देश को यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि नया आयकर विधेयक भी “न्याय” की इसी भावना को आगे बढ़ाएगा। यह नया विधेयक अध्यायों और शब्दों दोनों की दृष्टि से वर्तमान विधि की अपेक्षा आधे से कम एवं पाठ रूप में सुस्पष्ट और प्रत्यक्ष होगा। यह करदाताओं और कर प्रशासन के लिए समझने में आसान होगा, जिससे कर सुनिश्चितता आएगी और मुकदमेंबाजी कम होगी।
- 135. तथापि, सुधार मंजिल नहीं हैं; बल्कि हमारे लोगों और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे परिणाम प्राप्त करने के साधन हैं। सुशासन प्रदान करने के लिए प्रतिक्रियाशील होने की आवश्यकता होती है। थिरुक्कुरल ने श्लोक 542 में इसे व्यक्त किया है, जो इस प्रकार है कि:
वानोकी वाज़हुम उलागेल्ला मन्नावन
कोनोकी वाज़हुम कुडि।
अर्थात्:
जैसे जीवित प्राणी वर्षा की आशा में जीते हैं,
वैसे ही नागरिक सुशासन की आशा में जीते हैं।
हमारी सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि जमीनी हकीकत पर पैनी नज़र रखते हुए और स्थितियों का गहन जायजा लेते हुए उचित प्रतिक्रिया की जाए और इसके साथ ही राष्ट्र निर्माण के हमारे प्रयासों के साथ संतुलन भी बनाए रखा जाए। निम्नलिखित उपाय इस बात का ब्यौरा देंगे कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने नागरिकों द्वारा व्यक्त आवश्यकताओं को समझने और उसे संबोधित करने के लिए किस प्रकार कदम उठाए हैं। मेरे कर प्रस्ताव इसी मनोभाव से प्रेरित हैं।
- मेरे प्रस्तावों के उद्देश्य इस प्रकार हैं:
(i) मध्य वर्ग पर विशेष ध्यान देते हुए वैयक्तिक आयकर सुधार
(ii) कठिनाइयां कम करने के लिए टीडीएस/टीसीएस को युक्तिसंगत बनाना
(iii) स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना
(iv) अनुपालन के बोझ को कम करना
(v) व्यवसाय करने की सुगमता
(vi) रोजगार और निवेश
मैं, वैयक्तिक आयकर के संबंध में अपना प्रस्ताव अंत में प्रस्तुत करूंगी।
कठिनाइयां कम करने के लिए टीडीएस/टीसीएस को तर्कसंगत बनाना
- 137. मैं टीडीएस की दरों और सीमाओं की संख्या कम उसे युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करती हूँ। इसके अलावा, बेहतर स्पष्टता और एकरूपता के लिए टीडीएस हेतु राशि की सीमा बढ़ाई जा रही है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा `50,000 से दोगुनी बढ़ाकर `1 लाख की जा रही है। इसी प्रकार, किराए पर टीडीएस के लिए वार्षिक सीमा `40 लाख से बढ़ाकर `6 लाख कर दी गई है। इससे टीडीएस देयता वाले लेन-देनों की संख्या में कमी आएगी और कम भुगतान पाने वाले छोटे करदाता लाभान्वित होंगे।
- 138. भारतीय रिजर्व बैंक की उदारीकृत धनप्रेषण स्कीम (एलआरएस) के अंतर्गत धनप्रेषणों पर टीसीएस की सीमा को `7 लाख से बढ़ाकर `10 लाख कर दिया गया है। मैं, शिक्षा प्रयोजनों के लिए उन धनप्रेषणों पर टीसीएस को हटाने का प्रस्ताव भी करती हूँ, जहां ऐसे धनप्रेषण निर्दिष्ट वित्तीय संस्था से लिए गए ऋण से हों।
- माल की बिक्री से जुड़े किसी भी लेन-देन पर टीडीएस और टीसीएस दोनों लागू किए जा रहे हैं। अनुपालन से जुड़ी ऐसी कठिनाइयों से बचने के लिए, मैं, टीसीएस को हटाने का प्रस्ताव करती हूँ। मैं यह भी प्रस्ताव करती हूँ कि अब उच्च टीडीएस कटौती के प्रावधान केवल गैर–पैन मामलों पर ही लागू होंगे।
- 140. जुलाई, 2024 में, विवरणी दाखिल करने की नियत तारीख तक टीडीएस के भुगतान में विलंब को गैर-आपराधिक कर दिया गया था। मैं, टीसीएस प्रावधानों के लिए भी इसी छूट का प्रावधान करने का प्रस्ताव करती हूँ।
स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना
- 141. माननीय प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र पर आस्था रखती है और इसी के अनुरुप हम, उन करदाताओं द्वारा स्वैच्छिक अनुपालन के लिए वर्ष 2022 में विवरणी को अद्यतन करने की सुविधा लेकर आए, जिन्होंने सही आय की सूचना देने में चूक की हो। करदाताओं पर हमारा विश्वास सही साबित हुआ। लगभग 90 लाख करदाताओं ने अतिरिक्त कर का भुगतान करते हुए स्वैच्छिक रूप से अपनी आय संबंधी ब्यौरों को अद्यतन किया। इस विश्वास को आगे बढ़ाते हुए मैं, अब किसी भी कर-निर्धारण वर्ष के लिए अद्यतन विवरणी दाखिल करने की समय-सीमा को मौजूदा दो वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष करने का प्रस्ताव करती हूँ।
अनुपालन बोझ को कम करना
- मैं छोटे धर्मार्थ न्यासों/संस्थाओं की पंजीकरण अवधि को बढ़ाकर 5 वर्ष से 10 वर्ष करके ऐसी संस्थाओं के अनुपालन संबंधी बोझ को कम करने का प्रस्ताव करती हूँ। यह भी प्रस्ताव किया जाता है कि धर्मार्थ संस्थाओं द्वारा अपूर्ण आवेदनों को दाखिल किए जाने जैसी छोटी चूक के अत्यधिक गंभीर परिणाम न हों।
- 143. वर्तमान में, करदाता कतिपय शर्तों को पूरा करके ही अपने स्वामित्व वाली सम्पत्तियों के लिए शून्य वार्षिक मूल्य का दावा कर सकते हैं। करदाताओं को हो रही कठिनाइयों को देखते हुए बिना किसी शर्त के ऐसी दो सम्पतियों के लाभ की अनुमति प्रदान करने का प्रस्ताव किया जाता है।
व्यवसाय करने की सुगमता
- मैं, अंतरण मूल्य की प्रक्रिया को कारगर बनाने और वार्षिक जांच का एक विकल्प मुहैया कराने हेतु तीन वर्षों की ब्लॉक अवधि के लिए अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के मामलों में आर्म्स लेन्थ मूल्य निर्धारण करने हेतु एक योजना शुरू करने का प्रस्ताव करती हूँ। यह योजना सर्वोत्तम वैश्विक पद्धतियों के अनुरूप होगी।
- अंतरराष्ट्रीय कराधान में विवादों को कम करने और निश्चितता को बनाए रखने की दृष्टि से सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार किया जा रहा है।
- वर्तमान में अनेक वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों के पास बहुत पुराने एनएसएस खाते हैं। चूंकि ऐसे खातों पर अब कोई ब्याज देय नहीं है, अत: मैं, 29 अगस्त, 2024 को या उसके पश्चात् व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय बचत स्कीम (एनएसएस) से किए गए आहरण पर छूट प्रदान करने का प्रस्ताव करती हूँ। मैं, एनपीएस वात्सलय खातों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था का प्रस्ताव कर रही हूँ, जैसी कि समग्र सीमाओं के अध्यधीन सामान्य एनपीएस खातों के लिए उपलब्ध है।
- 147. जुलाई, 2024 के मेरे भाषण में, मैंने यह वचन दिया था कि अपीलीय आदेशों को प्रभावी करने सहित सभी प्रक्रियाओं का अगले दो वर्षों में डिजिटलीकरण करते हुए इन्हें कागज़ रहित किया जाएगा। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि डिजिटलीकरण को क्रियाशील किया जा रहा है।
- 148. जुलाई, 2024 में, हम, अपील में लंबित आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास स्कीम लेकर आए थे। इस स्कीम को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली और लगभग 33,000 करदाताओं ने अपने विवादों के समाधान के लिए इस स्कीम का लाभ उठाने का प्रस्ताव किया है।
रोज़गार और निवेश
- निवेश और रोज़गार बढ़ाने के लिए मेरे कुछ प्रस्ताव हैं।
इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण स्कीमों के लिए कर निश्चितता
- 150. उन अनिवासियों के लिए प्रकल्पित कराधान व्यवस्था का प्रस्ताव किया जाता है, जो ऐसी निवासी कम्पनी को सेवाएं प्रदान करते हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सुविधा स्थापित या संचालित कर रही है। इसके अलावा, मैं, उन अनिवासियों की कर निश्चितता के लिए सेफ हार्बर शुरू करने का प्रस्ताव करती हूँ, जो निर्दिष्ट इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण इकाइयों को आपूर्ति के लिए घटकों का भंडारण करते हैं।
अन्तर्देशीय जलयान के लिए टन भार कर स्कीम
- 151. वर्तमान में टन भार कर स्कीम केवल समुद्र में जाने वाले जहाजों के लिए उपलब्ध है। देश में अन्तर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा टन भार कर स्कीम के लाभों को भारतीय जलयान अधिनियम, 2021 के अंतर्गत पंजीकृत अन्तर्देशीय जलयानों के लिए विस्तारित करने का प्रस्ताव किया जाता है।
स्टार्ट-अप के निगमन का विस्तार
- 152. हम भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को सहायता जारी रख रहे हैं। मैं, 5 वर्षों तक निगमन की अवधि का विस्तार करने का प्रस्ताव करती हूँ ताकि स्टार्ट-अप को उपलब्ध लाभों को 1.4.2030 से पहले निगमित होने वाले स्टार्ट अप को प्रदान किया जा सके।
अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी)
- 153. आईएफएससी में अतिरिक्त कार्याकलापों को आकर्षित एवं प्रोत्साहित करने के लिए, मैं, अन्य बातों के साथ-साथ, आईएफएससी में स्थापित जलयान लीजिंग इकाइयों, बीमा कार्यालयों और वैश्चिक कम्पनियों के ट्रेजरी केन्द्रों के लिए विशिष्ट लाभों का प्रस्ताव कर रही हूँ। इसके अलावा, आईएफएससी में प्रारंभ करने की निर्णायक तारीख को भी लाभ का दावा करने के लिए पांच वर्षों तक बढ़ा कर 31.03.2030 कर दिया गया है।
वैकल्पिक निवेश निधियां (एआईएफ)
- 154. श्रेणी-I और श्रेणी-II एआईएफ अवसंरचना और ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं। मैं, इन निकायों को प्रतिभूतियों से होने वाले लाभों पर कराधान की निश्चितता प्रदान करने का प्रस्ताव करती हूं।
सॉवरेन और पेंशन निधियों के लिए निवेश की तारीख को बढ़ाना
- 155. सॉवरेन धन निधियों और पेंशन निधियों द्वारा अवसंरचना क्षेत्र में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए, मैं, निवेश करने की तारीख को 5 वर्ष बढ़ाकर 31, मार्च, 2030 तक करने का प्रस्ताव करती हूँ।
मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देते हुए वैयक्तिक आयकर सुधार
- 156. विकसित भारत की ओर हमारी यात्रा में, लोकतंत्र, जनांकिकी और मांग हमारे प्रमुख सहायक स्तंभ हैं। मध्यम वर्ग भारत के विकास के लिए शक्ति प्रदान करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने राष्ट्र निर्माण में मध्यम वर्ग की सराहनीय ऊर्जा और क्षमता में हमेशा विश्वास जताया है। उनके योगदान को देखते हुए, हमने उनके कर के बोझ को समय-समय पर कम किया है। वर्ष 2014 के तुरंत बाद, ‘शून्य कर’ स्लैब को बढ़ाकर `5 लाख किया गया था, जिसे 2019 में फिर से बढ़ाकर `5 लाख और 2023 में `7 लाख किया गया। यह मध्यम वर्ग के करदाताओं पर हमारी सरकार के विश्वास को दर्शाता है। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि नई कर व्यवस्था के अंतर्गत `12 लाख तक की आय (अर्थात विशिष्ट दर आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर `1 लाख प्रतिमाह की औसत आय) पर कोई आय कर देय नहीं होगा। वेतनभोगी कर दाताओं के लिए यह सीमा `75,000 की मानक कटौती के कारण `12.75 लाख होगी।
- 157. सभी कर-दाताओं को लाभान्वित करने के लिए सभी श्रेणियों में कर स्लैब और दरों में परिवर्तन किए जा रहे हैं। यह नई संरचना मध्यम वर्ग के करों को काफी कम करेगी और घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा देने के लिए उनके पास अधिक धनराशि उपलब्ध होगी।
- 158. मैं, नई कर व्यवस्था में निम्नानुसार कर दर संरचना को संशोधित करने का प्रस्ताव करती हूँ:
0-4 लाख रुपए | शून्य |
4-8 लाख रुपए | 5 प्रतिशत |
8-12 लाख रुपए | 10 प्रतिशत |
12-16 लाख रुपए | 15 प्रतिशत |
16-20 लाख रुपए | 20 प्रतिशत |
20-24 लाख रुपए | 25 प्रतिशत |
24 लाख रुपए से अधिक | 30 प्रतिशत |
- 159. `12 लाख तक की आय वाले करदाताओं के लिए (विशिष्ट आय दर को छोड़कर) स्लैब दर में कटौती के कारण होने वाले लाभ के अलावा कर में छूट इस ढंग से प्रदान की जा रही है कि उनके द्वारा कर का कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। आय के विभिन्न स्तरों में स्लैब दर संबंधी परिवर्तनों और छूट के कुल कर लाभ को उदाहरणों के साथ दर्शाया जा सकता है। नई कर व्यवस्था में `12 लाख की आय वाले करदाता को कर में `80,000 (पुरानी कर दरों के अनुसार उसके देय कर का 100%) का लाभ होगा। 18 लाख रुपए की आय वाले व्यक्ति को कर में `70,000 (पुरानी कर दरों के अनुसार देय कर का 30%)का लाभ होगा। `25 लाख की आय वाले व्यक्ति को `1,10,000 (पुरानी कर दरों के अनुसार उसके देय कर का 25%) का लाभ होगा।
- 160. मेरे कर प्रस्तावों के विवरण अनुलग्नक में दिए गए हैं।
- 161. इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप, प्रत्यक्ष करों में लगभग ₹1 लाख करोड़ और अप्रत्यक्ष करों में ₹2600 करोड़ का परित्याग होगा।
आदरणीय अध्यक्ष महोदय, इसके साथ ही, मैं यह बजट इस सदन के समक्ष रखती हूँ।
जय हिंद।
भाग क का अनुलग्नक
अनुलग्नक क
ग्रामीण सम्पन्नता और अनुकूलन निर्माण
यह कार्यक्रम निम्नलिखित पर केन्द्रित होगा:
- ग्रामीण महिलाओं के लिए उद्यम विकास, रोज़गार और वित्तीय स्वतंत्रता को उत्प्रेरित करना;
- युवा किसानों और ग्रामीण युवाओं के लिए नए रोज़गार और व्यवसायों के सृजन में तेजी लाना;
- विशेष रूप से सीमांत और छोटे किसानों के लिए उत्पादकता में सुधार और भंडारण हेतु कृषि संवर्द्धन एवं आधुनिकीकरण; और
- भूमिहीन परिवारों के लिए विविध अवसर उत्पन्न करना।
अनुलग्नक ख
दलहनों में आत्मनिर्भरता के लिए मिशन
यह मिशन निम्नलिखित पर बल देगा:
- जलवायु अनुकूल बीजों का विकास और वाणिज्यिक उपलब्धता,
- प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि
- उत्पादकता बढ़ाना
- फसल कटाई के बाद भंडारण और प्रबंधन में सुधार करना, और
- किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना।
अनुलग्नक ग
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्प्रेरक के रूप में भारतीय डाक
सेवाओं की विस्तारित श्रेणी में निम्नलिखित शामिल हैं:
- ग्रामीण समुदाय हब कॉलोकेशन;
- सांस्थानिक खाता सेवाएं;
- डीबीटी, नकद निकासी और ईएमआई पिक-अप;
- सूक्ष्म उद्यमों को ऋण सेवाएं;
- बीमा; और
- सहायता-प्राप्त डिजिटल सेवाएं
अनुलग्नक घ
रुपए करोड़ में | निवेश | कारोबार | ||
सूक्ष्म उद्यम | 1 | 2.5 | 5 | 10 |
लघु उद्यम | 10 | 25 | 50 | 100 |
मध्यम उद्यम | 50 | 125 | 250 | 500 |
अनुलग्नक ङ
विनिर्माण मिशन – “मेक इन इंडिया” को आगे बढ़ाना
इस मिशन के अधिदेश में 5 ध्यान दिए जाने वाले क्षेत्र शामिल होंगे:
- व्यवसाय करने की सुगमता और लागत;
- मांग वाली नौकरियों के लिए भावी तैयार कार्यबल;
- जीवंत और गतिशील एमएसएमई क्षेत्र;
- प्रौद्योगिकी की उपलब्धता; और
- गुणवत्ता युक्त उत्पाद।
भाग ख का अनुलग्नक
अप्रत्यक्ष करों से संबंधित संशोधन
क.1 सीमाशुल्क अधिनियम, 1962 में संशोधन
ये परिवर्तन वित्त विधेयक, 2025 को स्वीकृति प्राप्त होने की तारीख से प्रभावी होंगे। क.2 सीमाशुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 में संशोधन क) सीमाशुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 की पहली अनुसूची में निम्नानुसार संशोधन किया जा रहा है:- i. कतिपय औद्योगिक टैरिफ मदों पर टैरिफ दरों को संशोधित करना ii. अध्याय 10,20,27,28,29,38 और 71 में 178 नई प्रविष्टियां जोड़ना तथा 63 टैरिफ प्रविष्टियों को प्रतिस्थापित करना/हटाना; अध्याय 10, 20, 29 और 38 में अनुपूरक टिप्पणियां अंतर्विष्ट करना तथा 2 अनुपूरक टिप्पणियों को संशोधित करना। इसका उद्देश्य टैरिफ लाइनों को डब्ल्यूसीओ वर्गीकरण के अनुरूप बनाना तथा माल की बेहतर पहचान करना है। ये परिवर्तन 1.5.2025 से प्रभावी होंगे। | ||
ख. जीएसटी कानूनों में विधायी परिवर्तन [जैसा कि अन्यथा उपबंधित है, उसके सिवाय ये परिवर्तन जीएसटी परिषद की सिफारिशों के अनुसार, राज्यों के साथ समन्वय से अधिसूचित की जाने वाली तारीख से प्रभावी होंगे] | ||
व्यापार सुविधा के लिए संशोधन ख.1 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 2 में संशोधन: क) जिन अंतर-राज्यीय आपूर्तियों पर कर का भुगतान रिवर्स चार्ज के आधार पर किया जाना होता है, उन अंतर-राज्यीय आपूर्तियों के संबंध में इनपुट सेवा वितरक द्वारा इनपुट कर क्रेडिट के वितरण का सुस्पष्ट उपबंध करने के लिए एकीकृत माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 5 की उप-धारा (3) और उप-धारा (4) में संदर्भ अंतर्विष्ट करके खंड (61) को संशोधित किया जा रहा है। यह संशोधन 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा। ख) खंड (69)(ग) में “स्थानीय प्राधिकरण” की परिभाषा में प्रयुक्त “स्थानीय निधि” और “नगरपालिका निधि” शब्दों की परिभाषाओं का उपबंध करने के लिए स्पष्टीकरण अंतर्विष्ट करने हेतु उक्त खंड को संशोधित किया जा रहा है, ताकि उक्त शब्दों का दायरा स्पष्ट किया जा सके। ग) ट्रैक एंड ट्रेस व्यवस्था के कार्यान्वयन के लिए विशिष्ट पहचान मार्किंग की परिभाषा का उपबंध करने के लिए नया खंड (112क) अंतर्विष्ट किया जा रहा है। ख.2 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 12 और 13 में संशोधन वाउचरों के संबंध में आपूर्ति के समय से संबंधित धारा 12 की उप-धारा (4) और धारा 13 की उप-धारा (4) का लोप किया जा रहा है। ख.3 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 17 में संशोधन 1 जुलाई, 2017 से “संयंत्र या मशीनरी” शब्दों को “संयंत्र और मशीनरी” शब्दों से प्रतिस्थापित करने के लिए उप-धारा (5) के खंड (घ) को संशोधित किया जा रहा है। ख.4 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 20 में संशोधन जिन अंतर-राज्यीय आपूर्तियों पर कर का भुगतान रिवर्स चार्ज के आधार पर किया जाना होता है, उन अंतर-राज्यीय आपूर्तियों के संबंध में इनपुट सेवा वितरक द्वारा इनपुट कर क्रेडिट के वितरण का सुस्पष्ट उपबंध करने के लिए एकीकृत माल और सेवा कर अधिनियम की धारा 5 की उप-धारा (3) और उप-धारा (4), धारा 20 की उप-धारा (1) में संदर्भ अंतर्विष्ट करके धारा 20(1) और धारा 20(2) को संशोधित किया जा रहा है। यह संशोधन 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा। ख.5 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 34 में संशोधन यदि किसी क्रेडिट नोट के संबंध में आपूर्तिकर्ता की कर देनदारी में कमी के प्रयोजनार्थ पंजीकृत प्राप्तकर्ता को उक्त क्रेडिट नोट प्राप्त हुआ हो तो उस क्रेडिट नोट के संबंध में तत्स्थानी इनपुट कर क्रेडिट के उलटाव की अपेक्षा का स्पष्ट उपबंध करने के लिए उप-धारा (2) के परंतुक को संशोधित किया जा रहा है। ख.6 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 38 में संशोधन क) “स्वतः सृजित” शब्दों का लोप करने के लिए धारा 38(1) को संशोधित किया जा रहा है। ख) खंड ख में “स्वतः सृजित” शब्दों का लोप करने और “प्राप्तकर्ता द्वारा” शब्दों के बाद “सहित” शब्द अंतर्विष्ट करने के लिए धारा 38(2) को संशोधित किया जा रहा है, ताकि उक्त खंड को अधिक समावेशी बनाया जा सके। ग) इनपुट टैक्स क्रेडिट के विवरण में उपलब्ध कराए जाने वाले अन्य ब्यौरे विहित करने हेतु अनुकूल खंड का उपबंध करने के उद्देश्य से नया खंड (ग) अंतर्विष्ट करने के लिए धारा 38 (2) को भी संशोधित किया जा रहा है। ख.7 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 39 में संशोधन विवरणी दायर करने के लिए कतिपय शर्तें और निर्बंधन विहित करने के उद्देश्य से अनुकूल खंड का उपबंध करने के लिए धारा 39(1) को संशोधित किया जा रहा है। ख.8 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 107 और 112 में संशोधन क) कर की मांग के बिना केवल जुर्माने की मांग के मामलों में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपीलों के लिए जुर्माने की 10 प्रतिशत अनिवार्य राशि पहले से जमा करने का उपबंध करने के लिए धारा 107(6) को संशोधित किया जा रहा है। ख) कर की मांग के बिना केवल जुर्माने की मांग के मामलों में अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष अपीलों के लिए जुर्माने की 10 प्रतिशत अनिवार्य राशि पहले से जमा करने का उपबंध करने के लिए धारा 112(8) को संशोधित किया जा रहा है। ख.9 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की नई धारा 122ख का अतर्वेशन धारा 148क के अधीन उपबंधित ट्रैक और ट्रेस व्यवस्था से संबंधित उपबंधों के उल्लंघनों के लिए जुर्माने का उपबंध करने के लिए नई धारा 122ख अंतर्विष्ट की जा रही है। ख.10 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की नई धारा 148क का अंतर्वेशन | ||
ख.11 सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की अनुसूची 3 में संशोधन अनुसूची 3 दिनांक 01.07.2017 से संशोधित की जा रही हैः क) पैराग्राफ 8 में एक नई प्रविष्टि (कक) अंतस्थापित करना ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि निर्यात अथवा घरेलू प्रशुल्क क्षेत्र के लिए क्लीयरेंस से पहले विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में भंडार किए गए माल अथवा मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र से की गई आपूर्ति को न तो माल की आपूर्ति माना जाएगा और न ही सेवाओं की आपूर्ति माना जाएगा। ख) यह स्पष्ट करने के लिए दिनांक 01.07.2017 से स्पष्टीकरण 2 में संशोधन करना कि उक्त स्पष्टीकरण पैराग्राफ 8 की प्रविष्टि (क) के संबंध में लागू होगी। ग) पैराग्राफ 8 में प्रस्तावित प्रविष्टि (कक) के प्रयोजनार्थ ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र’, ‘मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र’ और ‘घरेलू प्रशुल्क क्षेत्र’ शब्दावली को परिभाषित करने के लिए स्पष्टीकरण 3 अंतस्थापित किया जाएगा। घ) यह प्रावधान करने के लिए कि पहले से ही भुगतान किए गए कर का कोई रिफंड उपर्युक्त संदर्भित लेनदेन के लिए उपलब्ध नहीं होगा। | ||
ग. वित्त विधेयक में अन्य प्रावधान | ||
ग.1 कतिपय मामलों में सेवा कर से छूट के लिए विशेष प्रावधान: मौसम आधारित फसल बीमा स्कीम (डब्ल्यूबीसीआईएस) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा स्कीम (एमएनएआईएस) के अंतर्गत पुनर्बीमा सेवा के रूप में बीमा कंपनियों द्वारा प्रदान की गई या प्रदान करने के लिए सहमति दी गई सेवाओं को 01 अप्रैल, 2011 से शुरू करते हुए 30 जून, 2017 तक की अवधि के लिए सेवा कर से छूट दी जा रही है।
| ||
घ. सीमा शुल्क की दरों में परिवर्तन
घ.1. इनपुट लागत को घटाने, मूल्य वर्धन को बढ़ाने, निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक को बढ़ावा देने, प्रतिलोम शुल्क संरचना को दुरूस्त करने, घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने आदि के लिए सीमा शुल्क की दरों में कटौती [2.2.2025 से प्रभावी]
क्र.सं. | वस्तु | से (प्रतिशत) | तक (प्रतिशत) |
I. | जलीयकृषि एवं समुद्री निर्यात | ||
1. | निर्यात हेतु सुरीमी एनलोग उत्पादों को बनाने के लिए फ्रोजन फिश पेस्ट (सुरीमी) | 30 | 5 |
2. | अक्वाटिक फीड की विर्निमाण के लिए फिश हाइड्रोलिसेट | 15 | 5 |
II. | रसायन | ||
1. | टैरिफ के उप-शीर्ष 2973 59 के अंतर्गत वर्गीकृत संरचना में पायरीमीडाइन रिंग (चाहे हाइड्रोजेनेटिड हो अथवा नहीं) या पाइपरेजाइन रिंग वाले अन्य कम्पाउंड | 10 | 7.5 |
2. | टैरिफ के उप-शीर्ष 3302 10 के अंतर्गत वर्गीकृत खाद्य एवं पेय उद्योग में उपयोग होने वाले एक प्रकार के सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेन्स और मिश्रित ओडोरिफेरोस पदार्थ | 100 | 20 |
3. | टैरिफ के उप-शीर्ष 3824 60 के अंतर्गत वर्गीकृत सॉरबीटॉल | 30 | 20 |
III. | महत्वपूर्ण खनिजों के अपशिष्ट एवं स्क्रैप तथा अन्य वस्तु | ||
1. | 74040012, 74040019 और 74040022 टैरिफ मदों के अंतर्गत शामिल एंटीमॉनी, बेरेलियम, बिसमुथ, कोबाल्ट, कैडमियम, मोलिब्डेनम, रहिनियम, टेंटालुम, टिन, टंग्सटन, जिर्कोनिमय, कॉपर स्क्रैप | 10/5/2.5 | शून्य |
2. | लीथियम ऑयन बैटरी का अपशिष्ट एवं स्क्रैप | 5 | शून्य |
3. | कोबाल्ट पाउडर | 5 | शून्य |
4. | पारे का अपशिष्ट एवं स्क्रैप | 5 | शून्य |
5. | जिंक का अपशिष्ट एवं स्क्रैप | 5 | शून्य |
IV. | औषधि एवं दवाइयां | ||
1. | सूची 3 में 6 और दवाइयों तथा उनके विनिर्माण हेतु थोक औषधियों को जोड़ना | यथा लागू | 5 |
2. | सूची 4 में 36 और दवाइयों तथा उनके विनिर्माण हेतु थोक औषधियों को जोड़ना | यथा लागू | शून्य |
3. | 37 और दवाइयों तथा 13 रोगी सहायता कार्यक्रमों को जोड़ाना | यथा लागू | शून्य |
V. | मूल्यवान धातू | ||
1. | प्लेटिनम फाइडिंग्स | 25 | 6.4 (5 बीसीडी + 1.4 एआईडीसी) |
VI. | वस्त्र, हस्तशिल्प एवं चमड़ा क्षेत्र | ||
1. | वेट ब्लू लेदर | 10 | शून्य |
2. | कपड़ा उद्योग में उपयोग हेतु शटल लैस लूम रेपियर लूम (650 मीटर प्रतिमिनट से कम) और शटल लैस लूम एयरजैट लूम्स (1000 मीटर प्रति मिनट से कम) | 7.5 | शून्य |
3. | हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माताओं के लिए निर्यातकर्ताओं द्वारा शुल्क मुक्त आयात के लिए कतिपय अतिरिक्त मदें | यथा लागू | शून्य |
VII. | पूंजीगत वस्तुएं | ||
1. | ईवी की लिथियम आयन बैट्री के विनिर्माण मे उपयोग हेने वाली 35 पूजीगत वस्तुओं/मशीनरी तथा मोबाइल फोन की लिथियम आयन बैट्री के विनिर्माण में उपयोग में आने वाली 28 पूंजीगत वस्तुओं/मशीनरी को शामिल करना | यथा लागू | शून्य |
VIII. | आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक | ||
1. | पीसीबीए, कैमरा मॉड्यूल, कनेक्टरों के इनपुट्स/पार्ट्स और सब-पार्ट्स तथा वायर्ड हेडसेट, माइक्रोफोन और रिसिवर, यूएसबी केवल फिंगरप्रिंट रीडर/सेल्यूलर मोबाइल फोन के सेंसर के विनिर्माण में उपयोग में आने वाले इनपुट अथवा कच्चा माल | 2.5 | शून्य |
2. | टीवी पैनलों के ओपन सैल के विनिर्माण में उपयोग में आने वाले विनिर्दिष्ट इनपुट/पार्ट (चिप ऑन फिल्म, पीसीबीए, ग्लास बोर्ड/सबस्ट्रेट सैल) | 2.5 | शून्य |
3. | इथरनेट स्विचिज कैरियर ग्रेड | 20 | 10 |
4. | इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले मॉड्यूल के लिए ओपन सैल (टच सहित अथवा रहित) इंटरएक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले मॉड्यूल के विनिर्माण में उपयोग में आने वाले टच ग्लास और टच सेंसर पीसीबी | 15/10 | 5 |
IX. | अंतरिक्ष क्षेत्र | ||
1. | स्पेयर पार्ट और उपभोज्यों सहित उपग्रहों के लिए भूस्थापन | यथा लागू | शून्य |
2. | प्रक्षेपण यानों और उपग्रह प्रक्षेपित करने में काम में आने वाली वस्तुएं | 5 | शून्य |
X. | मोटरसाइकिल | ||
1. | (i) ईंजन क्षमता < 1600 सीसी (सीबीयू) (ii) सेमी-नॉक्ड डाउन (एसकेडी) (iii) पूर्ण-नॉक्ड डाउन (सीकेडी) | 50 25 15 | 40 20 10 |
2 | (i) ईंजन क्षमता 1600 सीसी और इससे अधिक (सीबीयू) (ii) सेमी-नॉक्ड डाउन (एसकेडी) (iii) पूर्ण-नॉक्ड डाउन (सीकेडी) | 50 25 15 | 30 20 10 |
घ.2. सीमा शुल्क कर में बढ़ोत्तरी [02.02.2025 से प्रभावी]
क्र.सं. | वस्तुएं
| शुल्क दर | |
से प्रतिशत | तक (प्रतिशत) | ||
I. | फैब्रिक्स | ||
1. | प्रशुल्क मद सं. 6004 10 00, 6004 90 00, 6006 22 00, 6006 31 00, 6006 32 00, 6006 33 00, 6006 34 00, 6006 42 00 and 6006 90 00 कवर किए गए बुने हुए फैब्रिक्स | 10/20 | 20 अथवा प्रतिकिलो 115 रुपए जो भी अधिक हो |
II | इलेक्ट्रॉनिक्स | ||
1 | प्रशुल्क वस्तु 8528 59 00 के अंतर्गत वर्गीकृत इंटरेक्टिव फ्लेट पैनल डिस्प्ले | 10 | 20 |
घ.3. प्रभावी दरों में किसी परिवर्तन के बिना प्रशुल्क में कमी [02.02.2025 से प्रभावी]
1. | टैरिफ वस्तु 1520 00 00 द्वारा कवर किए गए ग्लिसरोल क्रूड, ग्लिसरोल वॉटर, ग्लिसरोल लाइ | 30
| 20
| |
2. | फॉसफोरिक एसिड | 20 | 7.5 | |
3. | प्रशुल्क वस्तु 3824 99 00 के अंतर्गत कवर किए गए अन्य – तैयार बाइंडर्स, रसायनिक उत्पाद एवं रसायन अथवा संबद्ध उद्योगों के सम्मिश्रण | 17.5 | 7.5 | |
4. | मार्बल और ट्रैवरटाइन, ग्रेनाइट, ब्लॉक्स, स्लैब्स, अन्य में रफली ट्रम्ड और कटे हुए (प्रशुल्क उप-शीर्ष 2515 12 और प्रशुल्क मदें, 2525 11 00, 2516 11 00, 2516 12 00) | 40
| 20 (+20 एआईडीसी) | |
5. | टैरिफ शीर्ष 3406 द्वारा कवर किए गए कैंडल, टैपर्स और सदृश्य वस्तु | 25 (+2.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+7.5 एआईडीसी) | |
6. | अन्य रैफेरेंस मटीरियल | 30 | 10 | |
7. | पीवीसी फ्लैक्स बैंनर सहित पीवीसी फ्लैक्स फिल्म और पीवीसी फ्लैक्स शीट्स (प्रशुल्क शीर्ष 3920, 3921) | 25 (+2.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+7.5 एआईडीसी) | |
8. | प्रशुल्क शीर्ष 6401 से 6405 के अंतर्गत शामिल फुटवेयर | 35 (+3.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+18.5 एआईडीसी) | |
9. | 6802 99 00 को छोड़कर 6802 शीर्ष के अंतर्गत तैयार मॉन्यूमेंटल अथवा भवन पत्थर और इससे जुड़ी मदें | 40 | 20
| |
10 | 6802 10 00 , 6802 21 10 , 6802 21 20 , 6802 21 90 , 6802 91 00 and 6802 92 00 टैरिफ मदों के अंतर्गत वर्गीकृत मार्बल स्लैब | 40 | 20 (+20 एआईडीसी) | |
11. | 0.5 एमएम से कम मोटाई वाले ओटीएस/एमआर टाइप-फ्लैट रोल्ड उत्पाद | 27.5 | 15 | |
12. | 0.5 एमएम से कम मोटाई वाले अन्य प्लेट, शीट्स, स्ट्रीप्स | 27.5 | 15 | |
13. | 4.75 एमएम से अधिक अथवा उसके बराबर किन्तु 10 एमएम से कम मोटाई वाले कॉयल्स में फ्लैट-रोल्ड प्रोडक्ट्स | 22.5 | 15 | |
14. | 3 एमएम से अधिक अथवा उसके बराबर किन्तु 4.75 एमएम से कम मोटाई वाले कॉयल्स में फ्लैट-रोल्ड प्रोडक्ट्स | 22.5 | 15 | |
15. | 600 एमएम अथवा उससे अधिक चौड़ाई के स्टेनलैस स्टील के फ्लेट-रोल्ड्स प्रोड्क्ट-अन्य निकल क्रोम ओस्टेनिटिक टाइप | 22.5 | 15 | |
16. | 600 एमएम अथवा उससे अधिक चौड़ाई के स्टेनलैस स्टील के फ्लेट-रोल्ड्स प्रोड्क्ट-अन्य अन्य शीट्स एवं प्लेट | 22.5 | 15 | |
17. | अन्य अलोय स्टील ग्रेन ऑरिएंटेड प्लेट रोल्ड प्रोडक्ट | 20 | 15 | |
18. | स्टेनलेंस स्टील की अन्य ट्यूब्स अथवा पाइप | 25 | 15 | |
19. | लौहे अथवा स्टील की नॉन-गैल्वेनाइज्ड अन्य फिटिंग | 25 | 15 | |
20. | लौहे और स्टील के अन्य खण्ड एवं खण्डों के भाग | 25 | 15 | |
21. | अन्य-टैंक एवं ड्रम आदि | 25 | 15 | |
22. | नट रहित और नट सहित अन्य पैच और बोल्ट | 25 | 15 | |
23. | थ्रेडिड नट | 25 | 15 | |
24. | अन्य नॉन-थ्रेडिड आर्टिकल | 25 | 15 | |
25. | लौहे/स्टील की अन्य स्प्रिंग्स और लीव्स | 25 | 15 | |
26. | लौहे और स्टील के अन्य कास्ट आर्टिकल | 25 | 15 | |
27. | फॉर्ज्ड अथवा स्टेम्पड लेकिन और परिष्कृत नहीं की गई वस्तुएं | 25 | 15 | |
28. | लौहे/स्टील की सभी अन्य वस्तुएं | 25 | 15 | |
29. | टैरिफ शीर्षक 8541 द्वारा कवर किए गए सौलर सैल | 25 (+2.5 एसड्व्ल्यूएस) | 20 (+7.5 एआईडीसी) | |
30. | टैरिफ शीर्ष 8703 >यूएसडी 40000 के अंतर्गत स्टेशन वैंगन और रेसिंग कारों सहित लोगों के परिवहन के लिए मुख्य रूप से डिजाइन की गई मोटर कारें तथा अन्य मोटर वाहन | 125 (टैरिफ दर)
(100 बीसीडी + 10 एसडब्ल्यूएस) | 70 (टैरिफ दर)
(70+ 40 एआईडीसी) | |
31. | टैरिफ शीर्ष 8703 के अंतर्गत स्टेशन वैंगन और रेसिंग कारों सहित लोगों के परिवहन के लिए मुख्य रूप से डिजाइन की गई पुरानी मोटर कारें तथा अन्य मोटर वाहन | 125 (टैरिफ) (125 बीसीडी + 12.5 एसडब्ल्यूएस) | 70 (टैरिफ) (70+ 67.5 एआईडीसी) | |
32. | टैरिफ शीर्षक 8711 के अंतर्गत मोटरसाइकिलें (मोपेड सहित) और साइड कारों सहित अथवा रहित एक ऑक्जीलरी मोटर के साथ साइकिल | 100 (टैरिफ) (प्रभावी दर में कोई परिवर्तन नहीं) | 70(टैरिफ) (प्रभावी दर में कोई परिवर्तन नहीं) | |
33. | टैरिफ शीर्षक 8711 के अंतर्गत पुरानी मोटरसाइकिलें (मोपेड सहित) और साइड कारों सहित अथवा रहित एक ऑक्जीलरी मोटर के साथ साइकिल | 100 (टैरिफ) (100 बीसीडी +10 एसडब्ल्यूएस) | 70 (टैरिफ) (70+ 40 एआईडीसी) | |
34. | टैरिफ मद 8712 00 10 के अंतर्गत बाइसिकल | 35 | 20 (+15 एआईडीसी) | |
35. | टैरिफ शीर्ष 8903 के अंतर्गत शामिल मनोरंजन अथवा खेल संबंधी याच्ट्स और अन्य जलयान; रोविंग बोट और कैनोइज | 25 (+2.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+7.5 एआईडीसी) | |
36 | टैरिफ शीर्षक 9028 के अंतर्गत अल्टरनेटिंग करंट के लिए गैस मीटर | 25 (+2.5 SWS) | 20 (+7.5 एआईडीसी) | |
37 | इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के विनिर्माण के लिए मद 9503 00 91 के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के पुर्जे | 25 बीसीडी + 2.5 एसडब्ल्यूएस | 20 बीसीडी + 7.5 एआईडीसी | |
ख.4. प्रभावी दर में कटौती के साथ प्रशुल्क दर में कमी [02.02.2025 से प्रभावी]
क्र.सं. | वस्तु | शुल्क की दर | |
से (प्रतिशत) | तक (प्रतिशत) | ||
1. | खाद्य और पेय उद्योग में उपयोग के लिए मिश्रित ओडोरीफेरस पदार्थ और सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंसेज् | 100 | 20 (+2 एसडब्ल्यूएस) |
2. | टैरिफ उपशीर्ष 3824 60 के अधीन सोरबिटोल | 30 (+3 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+2 एसडब्ल्यूएस) |
3. | टैरिफ शीर्ष 7113 के अधीन आभुषण उत्पाद और उसके पार्टस; टैरिफ शीर्ष 7114 के अधीन सोनार (गोल्डस्मिथ) और सिल्वर स्मिथ के माल और उनके पार्टस | 25 | 20 |
4. | टैरिफ शीर्ष 8541 के अधीन सौर माड्यूल | 40 (+4 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+20 एआईडीसी) |
5. | टैरिफ शीर्ष 8702 के अधीन आने वाले मोटर वाहन (सवारियों के लिए) | 40 (+4 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+20 एआईडीसी) |
6. | टैरिफ शीर्ष 8704 के अधीन आने वाले मोटर वाहन (माल के लिए) | 40 (+4 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+20 एआईडीसी) |
7. | टैरिफ शीर्ष 9401 के अधीन आने वाले सीट (शीर्ष 9402 के अधीन आने वाले को छोड़कर), चाहे बेड्स में कवर योग्य हो या न हो और उनके पार्टस | 25 (+2.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+5 एआईडीसी) |
8. | टैरिफ शीर्ष 9403 के अधीन शामिल अन्य फर्नीचर और उनके पार्ट्स | 25 (+2.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+5 एआईडीसी) |
9. | टैरिफ शीर्ष 9405 के अधीन आने वाले मैट्रेस स्पोर्ट, बेडिंग की सामग्रियां और समान प्रकार के फर्निशिंग आदि | 25 (+2.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+5 एआईडीसी) |
10. | सर्चलाइट और स्पोर्टलाइट सहित ल्यूमनेरिज और लाइट फिटिंग और उनके पार्ट्स | 25 (+2.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 (+5 एआईडीसी) |
11. | टैरिफ मद 9503 00 91 के अधीन इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों के पार्ट्स | 70 | 20 (+20 एआईडीसी) |
12. | टैरिफ मद 9802 00 00 (उनको छोड़कर जिन पर विशिष्ट अंतिम उपयोग पर 10प्रतिशत बीसीडी लगता है) के अधीन प्रयोगशाला कैमिकल्स | 150 (+15 एसडब्ल्यूएस) | 70 (+70 एआईडीसी) |
13. | टैरिफ शीर्ष 9803 के अधीन शुल्क लगने वाले सभी सामान, जो किसी यात्री अथवा किसी क्रू मेम्बर द्वारा उसके यात्री सामान में आयातित | 100 (प्रभावी दर -35+3.5 एसडब्ल्यूएस) | 70 (प्रभावी दर 35) |
14. | 10 प्रतिशत बीसीडी वाले सामानों के अतिरिक्त शीर्ष 9804 के अधीन वर्गीकृत व्यक्तिगत उपयोगं के लिए आयातित शुल्क प्रभार वाले माल | 35 (+3.5 एसडब्ल्यूएस) | 20 |
ड़ चमड़े पर निर्यात शुल्क ( 2.2.2025 से लागू)
क्र.सं. | सामान | शुल्क की दर | |
से (प्रतिशत) | तक (प्रतिशत) | ||
1. | क्रस्ट लैदर (हाइड्स एंड स्किन) | 20 | 0 |
च. व्यापार सुविधा के उपाय (ट्रेड फैसिलिटेशन मेज़र्स)
च. 1. हस्तकला की वस्तुओं के निर्यात के लिए समयावधि में बढ़ोत्तरी वास्तविक (बोनाफाइड) निर्यातकों द्वारा शुल्क रहित इनपुट्स से विनिर्मित हस्तकला सामानों के निर्यात की समयावधि 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष की जा रही है जो इसके बाद भी 3 महीने बढ़ाने योग्य होगी। च. 2.) लैब ग्रोन हीरे के विनिर्माण में उपयोग के लिए बीजों (सीड्स) के आयात के लिए कस्टम्स (रियायती शुल्क दर पर माल का आयात) नियमावली 2022 (आईजीसीआर) शर्त। लैब ग्रोन हीरो के विनिर्माण में उपयोग के लिए बीजों (सीड्स) के आयात पर शुल्क से छूट के लिए आईजीआर शर्त को हटाय़ा गया है। च. 3. निर्यात के लिए समय-सीमा बढ़ाना मरम्मत कार्यों के लिए आयातित रेलवे के माल को निर्यात के लिए समय-सीमा को 6 महीने से बढ़ाकर एक वर्ष किया जा रहा है जो एक वर्ष और आगे बढ़ाया जा सकेगा। च. 4. सीमा शुल्क संशोधन (रियायती दर पर माल के आयात पर शुल्क अथवा विशिष्ट अंतिम उपयोग के लिए ( फॉर स्पेशिफिक एंड यूज)) नियमावली 2022 अंतिम उपयोग की पूर्ति कि समय सीमा वर्तमान 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष करने और मासिक विवरण के स्थान पर केवल तिमाही विवरण दाखिल करने के लिए नियम 6 और 7 में संशोधन किए जा रहे हैं। |
टिप्पणः एआईडीसी – कृषि अवसंरचना तथा विकास उपकर; एसडब्ल्यूएस – सामाजिक कल्याण अधिभार
छ. अन्य
छोटी (माइनर) प्रकृति के कुछ अन्य शुल्क भी हैं। बजट प्रस्तावों के ब्यौरे के लिए, व्याख्यात्मक ज्ञापन और अन्य संगत बजट दस्तावेज का संदर्भ लिया जा सकता है।
भाग ख के लिए अनुलग्नक
प्रत्यक्ष करों से संबंधित सुधार
(i) मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देते हुए वैयक्तिक आयकर सुधार 1. इस नई कर व्यवस्था के अंतर्गत नई स्लैबों और कर दरों के साथ उल्लेखनीय राहत का प्रस्ताव किया जाता है:-
2. आयकर पर छूट
(ii) कठिनाइयों को दूर करने के लिए टीडीएस/टीसीएस का युक्तिकरण 1. स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) और स्रोत पर कर संग्रहण (टीसीएस) की दरों का युक्तिकरणः
• नीचे दिए अनुसार कतिपय धाराओं के अधीन स्रोत पर कर कटौती अथवा स्रोत पर कर संग्रहण में कमी लाने की अपेक्षा के लिए कतिपय प्रारंभिक सीमा बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया जाता हैः
(iii) स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना 1. अद्यतित विवरणी को प्रस्तुत करने की समय-सीमा को बढ़ाना
2. क्रिप्टो आस्ति के संबंध में सूचना देने की बाध्यताः
3. स्व कब्जे वाली सम्पत्ति के वार्षिक मूल्य को सरल किया गया
| |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(iv) अनुपालन के बोझ को कम करना | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
· करदाताओं के अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए, यह प्रस्ताव है कि पचास लाख से अधिक मूल्य की विशेष वस्तुओं की बिक्री के स्रोत पर कोई कर नहीं लिया जाएगा।
· कटौतीकर्ता/समाहर्ता पर अनुपालन के बोझ कम करने के लिए, अधिनियम की धारा 206कख और धारा 206गगक को विलोपित करने का प्रस्ताव किया जाता है।
· अधिनियम की धारा 206ग(7) के तहत “वन उत्पाद” के अर्थ को स्पष्ट करने का प्रस्ताव किया जाता है ताकि इसकी परिभाषा से संबंधित किसी भी प्रकार की अस्पष्टता को दूर किया जा सके। · यह भी प्रस्ताव किया जाता है कि टीसीएस “किसी अन्य वन उत्पाद, जो वन पट्टे के तहत प्राप्त किया जाता है” पर ही अर्जित किया जाएगा। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(v) व्यापार करने की सुगमता | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
· यह प्रस्ताव किया जाता है कि स्टार्ट-अप हेतु पांच वर्षों की एक और अवधि के लिए आईएसी की धारा 80 के तहत प्रदत्त लाभ में विस्तार किया जाएगा, अर्थात् यह लाभ 01.04.2030 से पहले शामिल पात्र स्टार्ट-अप के लिए उपलब्ध होगा।
· यह प्रस्ताव है कि विदेशी निवेशक होने के नाते निवासियों और अनिवासियों के बीच प्रतिभूतियों के अंतरण पर दीर्घावधिक पूंजीगत लाभों के रूप में उनकी आय पर पूंजीगत आस्तियों के अंतरण से संबंधित पूंजीगत लाभ के कराधान के बीच समानता लाई जाएगी।
· यह प्रस्ताव किया जाता है कि छोटे न्यासों अथवा संस्थान के पंजीकरण की वैधता की अवधि को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किया जाएगा। · यह प्रस्ताव है कि न्यास अथवा संस्थान का पंजीकरण रद्द करने के संबंध में विनिर्दिष्ट उल्लंघन की परिभाषा को युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि यह अपूर्ण आवेदनों जैसी छोटी त्रुटियों पर लागू न हो। · यह प्रस्ताव है कि छूट की मनाही के संबंध में किसी न्यास अथवा संस्थान को काफी मात्रा में अंशदान करने वाले व्यक्तियों की परिभाषा को युक्तिसंगत बनाया जाएगा।
· यह प्रावधान करने का प्रस्ताव है कि व्यावसायिक न्यास की कुल आय जिस पर अधिकतम सीमांत दर के आधार पर कर लगाया जाता है, वह अधिनियम की धारा 112क के प्रावधानों के भी अध्यधीन होगा क्योंकि यह अधिनियम की धारा 111क और धारा 112 के प्रावधानों के अध्यधीन है।
· यह प्रावधान करने का प्रस्ताव है कि भारत में किसी अनिवासी की महत्वपूर्ण आर्थिक उपस्थिति में निर्यात के उद्देश्य से भारत में वस्तुओं की खरीद के लिए प्रतिबंधित लेनदेन अथवा कार्यकलाप शामिल नहीं होंगे।
· यह स्पष्ट करने का भी प्रस्ताव किया जाता है कि यूनिट आधारित बीमा नीतियों के रिडेम्पसन से हुए उन लाभ और प्राप्तियों, जिन पर धारा 10 (10घ) के तहत छूट लागू नहीं होती, पर पूंजीगत लाभ के रूप में कर लगाया जाएगा।
· अधिनियम की धारा 115पख में यथा उल्लिखित किसी निवेश निधि के द्वारा प्रतिभूतियों के रूप में पूंजीगत आस्तियों के अंतरण से हुई आय की प्रभारिता को स्पष्ट करने के लिए पूंजीगत आस्ति की परिभाषा में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।
· यह प्रावधान करने का प्रस्ताव किया गया है कि समान लेनदेनों के संबंध में आर्म्स लेंथ मूल्य निर्धारण के लिए अंतरण मूल्य निर्धारण संबंधी प्रावधान 3 वर्षों तक की अवधि के लिए लागू नहीं होंगे। 9. टीसीएस के देरी से भुगतान के लिए अभियोजन से छूट: · यह प्रस्ताव किया जाता है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति को अभियोजन से छूट देने का प्रावधान किया जाए, जो स्रोत पर संग्रहीत किए गए कर (टीसीएस) का भुगतान केंद्र सरकार को नहीं कर पाया हो, यदि ऐसा भुगतान तिमाही टीसीएस विवरण दाखिल करने के लिए विहित समय पर या उससे पहले किसी भी समय कर दिया जाता है। 10. ‘पूंजीगत आस्ति’ की परिभाषा में संशोधन: · अधिनियम की धारा 115 फख में संदर्भित निवेश फंड द्वारा धारित प्रतिभूति रूपी पूंजीगत आस्ति के अंतरण से उत्पन्न होने वाली आय की प्रभार्यता के संबंध में स्पष्टता लाने के उद्देश्य से पूंजीगत आस्ति की परिभाषा को संशोधित किए जाने का प्रस्ताव है। | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
(vi) रोजगार और निवेश | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
1. अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) को प्रोत्साहन
2. सॉवरेन वेल्थ फंडों, पेंशन फंडों और अन्य द्वारा निवेश करने की तारीख का विस्तार · धारा 10(23चङ) के अधीन विनिर्दिष्ट व्यक्ति के मामले में प्रस्ताव किया जाता है कि निवेश करने की तारीख 31 मार्च, 2025 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2030 कर दी जाएगी। · यह प्रस्ताव भी किया जाता है कि ऐसे विनिर्दिष्ट व्यक्ति के मामले में उक्त धारा के अधीन दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संबंध में छूट उपलब्ध होगी, भले ही ऐसे पूंजीगत लाभ धारा 50कक के अधीन अल्पकालिक पूंजीगत लाभ माने जाएं। 3. इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण सुविधा के लिए सेवाएं प्रदान करने वाले अनिवासी के लिए प्रकल्पित कराधान स्कीम · भारत में इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण सुविधा की स्थापना या संचालन के व्यवसाय या उससे जुड़ी इलेक्ट्रानिक वस्तुओं, आर्टिकल या थिंग के विनिर्माण या उत्पादन की सुविधा में लगे अनिवासियों के लिए प्रकल्पित कराधान व्यवस्था उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया जाता है। 4. अंतर्देशीय जलयानों के लिए टनभार कर स्कीम · यह प्रस्ताव किया जाता है कि मौजूदा टनभार कर योजना के लाभ भारतीय जलयान अधिनियम, 2021 के अधीन पंजीकृत अंतर्देशीय जलयानों को उपलब्ध कराए जाएं, ताकि देश में अंतर्देशीय जल परिवहन को बढ़ावा दिया जा सके। 5. एनपीएस वात्सल्य के लिए किए गए अंशदानों के लिए धारा 80गगघ के अधीन कटौती
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(vii) अन्य विविध संशोधन | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
· राष्ट्रीय बचत योजना (एनएसएस) से किए गए आहरणों पर 29 अगस्त, 2024 को या उसके बाद इस योजना के अंतर्गत जमा किसी भी धनराशि और उस पर प्रोद्भूत (accrued) ब्याज पर छूट प्राप्त करने का प्रस्ताव किया जाता है, जिसके संबंध में कटौती को अनुमति दे दी गई है।
· धारा 17 के प्रावधानों को संशोधित किए जाने के प्रस्ताव हैं ताकि इन सीमाओं में वृद्धि करने के लिए नियमों को निर्धारित करने की शक्ति प्राप्त की जा सके।
· भारतीय यूनिट ट्रस्ट (उपक्रम का स्थानांतरण और निरसन) अधिनियम 2002 द्वारा सृजित एसयूयूटीआई को दी जाने वाली छूट को बढ़ाकर 31 मार्च, 2027 तक करने का प्रस्ताव किया जाता है।
· यह प्रस्ताव किया जाता है कि ऊपर उल्लिखित धारा के प्रावधान उस मामले में लागू नहीं होंगे जहां 1 सितम्बर, 2024 को या उसके बाद धारा 132 के अधीन खोज प्रारंभ कर दी गई है।
· शास्ति से संबंधित विभिन्न धाराओं को यह व्यवस्था करने के लिए संशोधित करने का प्रस्ताव किया जाता है कि इन धाराओं के अधीन शास्तियां कर-निर्धारण अधिकारी द्वारा लगाई जाएंगी, जो संयुक्त आयुक्त, आयकर के पूर्व अनुमोदन से संबंधित अधिनियम के प्रावधानों के अध्यधीन होंगी।
· यह प्रस्ताव किया जाता है कि कतिपय धाराओं के अधीन पहचान रहित (फेसलेस) योजनाओं के लिए निर्धारित अंतिम तारीख को मिटा दिया जाए ताकि यह व्यवस्था की जा सके कि केन्द्रीय सरकार 31 मार्च, 2025 के कट-ऑफ तारीख के बाद भी निर्देशों को जारी कर सके।
· यह प्रस्ताव किया जाता है कि कर-निर्धारण अधिकारी शास्ति और मुकदमा चलाने से छूट प्राप्त करने का अनुरोध करने वाले आवेदन को स्वीकार करने अथवा अस्वीकार करने के संबंध में उस माह के अंत से तीन महीनों की अवधि के भीतर एक आदेश पारित करेंगे जिस महीने में ऐसा आवेदन प्राप्त हुआ था।
· यह व्यवस्था करने के लिए धारा 115फत को संशोधित करने का प्रस्ताव किया जाता है कि टनभार कर योजना के लिए चयन करने के निर्धारिती के विकल्प को स्वीकार करने या अस्वीकार करने से संबंधित आदेश उस माह के अंत से तीन महीनों की अवधि के समाप्त होने से पहले एक आदेश पारित करेंगे जिस महीने में ऐसा आवेदन प्राप्त हुआ था।
· टीसीएस संग्रहण में असफल रहने के मामले में चूककर्ता निर्धारिती के रूप में किसी व्यक्ति के लिए कोई आदेश पारित करने की समय-सीमा से किसी न्यायालय आदेश आदि के द्वारा कार्यवाही पर रोक लगाने की अवधि जैसी कतिपय समय-सीमा हटाने का प्रस्ताव किया जाता है।
· यह प्रस्ताव किया जाता है कि शास्ति लगाने वाला कोई भी आदेश उस तिमाही के अंत से छह महीने बीत जाने के बाद पारित नहीं किया जाएगा, जिसमें संबंधित कार्यवाही पूरी की गई हो अथवा अपील का आदेश प्राप्त हुआ हो।
· किसी न्यायालय के किसी आदेश अथवा निषेधाज्ञा के प्रारंभ की तारीख और अंत की तारीख को स्पष्ट करने के लिए अधिनियम की संगत धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव किया जाता है। 12. जब्त की गई खाता-बहियों अथवा अन्य युक्तिसंगत दस्तावेजों को यथास्थित बनाए रखने की समय-सीमाः
13. समामेलन के मामले में हानियों को अग्रनीत करने संबंधित प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाना
14. अध्याय XIV-ख के अंतर्गत तलाशी और अधिग्रहण मामलों में ब्लॉक निर्धारण प्रावधानों में प्रस्तावित संशोधन
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