ब्रेकअप के बाद

love breakup psychological analysis

लड़की पहले हँसमुख हुआ करती थी। socially active and talkative..पर फिर बदल गयी अपने ब्रेकअप के बाद।

ब्रेकअप के भी तीन प्रकार होते हैं- mutual breakup जहाँ दोनों पार्टी की आपसी सहमति होती है;मजबूरी वाला ब्रेकअप जिसमें आप पारिवारिक कारणों से रिश्ते को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाते और प्यार जाति, धर्म, स्टेटस की तिलांजलि चढ़ जाता है; तीसरे प्रकार को लोग dumping या ditching बोलते हैं, जब कोई आपको lays के रैपर की तरह उठा कर फेंक दे अपनी जिंदगी से बाहर।

उसके साथ ये तीसरी प्रकार की त्रासदी हुई थी। दो साल के रिश्ते के बाद लड़के को कोई और मिल गयी और उसने जवाब दिया, “You are ugly, not good enough for me.” लम्बे-लम्बे चैट थे जिसमें लड़की को उसकी औकात बताने की कोशिश की गयी थी। वह पहले दिन केबिन में बैठी रोती रही। काउंसलर की बातें सुनना भी नहीं चाहती थी। महीने बीत गए थे और परिवार ने हार मान ली थी।

दूसरी बार वह अपने ex की नई गर्लफ्रेंड के फोटो लेकर आयी, सवाल करते हुये, “क्या यह सच में मुझ से बेहतर है?” घण्टों बिताये होंगे इसने उस नयी लड़की से खुद की तुलना करते हुये, हर उस बात पर जिसके लिये इसके भूतपूर्व प्रेमी ने इसे धिक्कारा था। Dump होने के बाद अक्सर लोग यही काम तो करते हैं।

काउंसलर ने उसे एक थर्मोकोल का कप और एक पेंसिल थमा दिया और कहा, “उस लड़के की कही हर वह। बात जिससे तुम दुःखी हुई हो, उसके लिये इस कप में एक छेद कर दो।” कुल दस-बारह छेद बन गये कप में। लड़की ने पूछा,” अब क्या?” उसे लगा शायद काउंसलर अब उसे अपना गुस्सा निकालने का कोई नया तरीका बतायेगी, कोई नायाब ज्ञान जो इसे डिप्रेसन से निकाल दे।

काउंसलर ने जवाब दिया, “अब कुछ नहीं। ये कप तुम्हारा self-worth है, यानी तुम्हारे नजरो में तुम्हारा कितना महत्व है। पर अब यह छलनी हो चुका है, उस लड़के की कही हर बात ने इसमें एक नया छेद कर दिया और तुम्हारी नजरों में तुम्हारी value गिरा दी। अब तुम अपने self-worth को लेकर घर जाओ और सोचो कि अब तुम्हें इसका करना क्या है।”

एक सप्ताह बाद वह लड़की आयी और पर्स से उस कप को निकाला। हर छेद पर एक चमकीला सितारा लगा था। कागज के खूबसूरत फूल चिपके थे और वह कप एक खूबसूरत pen-holder में बदल चुका था। महीनों बाद अब वह तैयार थी अपने self-worth पर काम करने के लिये।

ब्रेकअप के बाद सबसे पहले लोग दुःख से ज्यादा खुद की ability पर शक करना शुरू करते हैं। “मुझमे क्या कमी है?”, पहला सवाल होता है। आपमें कमी है। सबमे होती है। पर वे कमियां ही तो हमें परिभाषित नहीं करती। उनपर काम किया जा सकता है। पर किसी और कि कहीं बातों से खुद के self-worth को छलनी क्यों किया जाये। अक्सर हमें बुरा-भला बोलने वाला इंसान भले ही हमारे जीवन में महत्व रखना बन्द कर दे, पर उसकी बातें महत्व रख जाती हैं।

आपके नजर में आपका महत्व है, तभी तो खुद को और सँवारने की चाहत होगी। इसीलिये दुनिया जो सोचे, अपनी नजर में कभी भी “lost cause” मत बनिये।

आपका कप आप किसी और को तो दे नहीं सकते तो बस एक ही ऑप्शन है –

Keep your cups beautiful..

– मेघा मैत्रेय की पोस्‍ट