मनुष्य तक पहुँचने के लिए हमने प्राइमेट-ऑर्डर नामक समूह में प्रवेश लिया था। यहाँ घुसते ही हमें दो समूह मिले थे : गीली नाक वाले स्ट्रेप्सीरायनी जिसमें लीमर-लोरीज़-जैसे जानवर आते हैं और सूखी नाक वाले हैप्लोरायनी जिसमें मनुष्य अन्य वानरों के साथ आता है। अब आगे चलिए।
हैप्लोरायनी में प्रवेश के साथ ही हमें टार्सिएर मिलता है। एकमात्र मांसाहारी प्राइमेट , अन्यथा सभी प्राइमेट सर्वाहारी हैं ( मनुष्य भी ! )। बड़ी-बड़ी आँखों वाला वृक्ष-निवासी यह जीव कीड़े शौक़ से खाता है।
वैज्ञानिक बहुत दिनों तक बहस करते रहे कि टार्सिएर स्ट्रेप्सीरायनी है कि हैप्लोरायनी। आज भी कुछ हद तक विवाद चल रहा है। लेकिन अब इस जीव को कई कारणों से हैप्लोरायनी में स्थान दे दिया गया है। अब इसे बाय-बाय करके हैप्लोरायनी में आगे चलते हैं।
हैप्लोरायनी अब दो समूहों में जा बँटा है : चपटी नाक वाले प्लेटीरायनी और सीधी नाक वाले कैटारायनी। जिनकी नाक चपटी है और जिनके नथुने अगल-बगल साइड में खुलते हैं ,वे प्लेटीरायनी हैं। इस समूह में नयी दुनिया के बन्दर यानी न्यू वर्ल्ड मंकीज़ आते हैं। जिनकी नाक सीधी है और नथुने नीचे खुलते हैं , वे कैटारायनी हैं। इसमें मनुष्य , कपि ( एप ) और पुरानी दुनिया के बन्दर यानी ओल्ड वर्ल्ड मंकीज़ आते हैं।
अपनी नाक छूकर फिर देखिए। यह सीधी है और नथुने नीचे को खुलते हैं। आप कैटारायनी हैं। गोरिल्ला की नाक ? नीचे। औरेंग्युटान की ? नीचे। चिम्पैंज़ी की ? नीचे। ये सभी भी कैटारायनी हैं।
नयी दुनिया के बन्दर अमेरिकी महाद्वीपों में मिलते हैं , जबकि पुरानी दुनिया के एशिया और अफ़्रीका में। चार सौ लाख साल पहले दोनों में जीव-विकास का यह बँटवारा हुआ था। नयी दुनिया के बन्दरों की पूँछें अधिक विकसित होती हैं , वे इनके सहारे कहीं भी लटक कर आवागमन कर सकते हैं। पुरानी दुनिया के बन्दरों के पूँछ या तो होती नहीं है , अथवा वह इतनी हुनरमन्द नहीं होती।
नयी दुनिया के बन्दर यौन के मामले में अमूमन एकभोगी ( मोनोगैमस ) होते हैं , पुरानी दुनिया के बहुभोगी ( पोलीगैमस )। नयी दुनिया के बन्दरों की दृष्टि त्रिरंगी नहीं होती , यानी उन्हें तीन रंगों का संसार नहीं दिखता। जबकि पुरानी दुनिया के बन्दर त्रिरंगी नज़र वाले होते हैं।
कपियों से भरी हुई भू है !
पहचान कहाँ इनमें तू है !
स्कन्द शुक्ल
लेखक पेशे से Rheumatologist and Clinical Immunologist हैं।
वर्तमान में लखनऊ में रहते हैं और अब तक दो उपन्यास लिख चुके हैं