हमें जीना है और तुक्के मारने हैं : डार्विन और विकासवाद – 8
मैं एक चिकित्सक हूँ और डार्विन हर रोज़ मरीज़ों से भेंट के समय मेरे बगल में आकर आहिस्ता से अपना स्थान ले लेते हैं।...
हमें जीना है और तुक्के मारने हैं : डार्विन और विकासवाद – 20
फूलों के ब्याह का मौसम है और आइए इस ऋतु में चार्ल्स डार्विन की एक त्रुटि पकड़ें।
डार्विन ने जीव-विकास का अपना सिद्धान्त दिया। उसमें...
या तो महायोगी बनें…
अगर आपको लगता है कि 500 या 600 रुपए किलो के भाव मिलने वाला घी महंगा है, तो या तो आप हद...
सहजीवन की संभावनाएं
तितली मेरे हाथ पर साहस के साथ आ बैठती है। मैं उसे फूँकता नहीं , फूल बनने का अभिनय करने लगता हूँ। वह अपने...
छद्म और अंध विश्वास में अंतर है
स्किजोफ्रीनिया के बारे में आम लोगों को आम भाषा में जानकारी क्यों न दी जाए। बस यह पोस्ट लिखने बैठ गया हूं। बात शुरू...
हमें जीना है और तुक्के मारने हैं : डार्विन और विकासवाद – 1
“अरे आप जिम कॉर्बेट से आ रहे हैं ! शेर दिखा ?”
“शेर नहीं , वहाँ बाघ मिलते हैं। शेर देखने के लिए गिरवन जाइए।”
गत...
हमें जीना है और तुक्के मारने हैं : डार्विन और विकासवाद – 19
"महाभारत के आदिपर्व में जब पाण्डव कुन्ती-समेत लाक्षागृह जाने को होते हैं , तो विदुर युधिष्ठिर से एक गहरी बात कहते हैं।"
"कौन सी ?"
"आग...
नायक तो निर्दोष नहीं हैं , लेकिन …
नायक तो निर्दोष नहीं हैं , लेकिन... Responsibility of role models
आरम्भ के साथ ही जीवन के सूत्र हमें नायकों के बीच ले जाते हैं।...
हमें जीना है और तुक्के मारने हैं : डार्विन और विकासवाद – 13
जब हम जीव-विकास की बात करते हैं , तो हमारा चिन्तन-बिन्दु जनसंख्या होती है , व्यक्ति नहीं।
बदलते पर्यावरण के कारण डीएनए में होने वाले...
घ्राण की हिंसा पर जीत
विस्फोट में बीज जहाँ-तहाँ गड़े पड़े हैं। कहीं भी, कभी भी वे फट सकते हैं। जीवन के प्रति वे निर्मम हैं , उनके सम्पर्क...