साफ -सफाई और परिवार का महत्व- कोरोना वर्ष मेरा अनुभव 11

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#कोरोना वर्ष
#अनुभव प्रतियोगिता
# कोरोना का अनुभव वैसे कुछ खास नहीं है पर जो भी है मैं बता रही हूं।
कहां जाता है ना कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं एक बुराई तो दूसरी अच्छाई।
बुराई इसलिए क्योंकि कोविड_19 ने महामारी का व्यापक रूप ले लिया है। और इससे हर इंसान का खतरा बढ़ गया है ,इसने इतने पैर पसार लिए हैं कि हमारे मोहल्ले और पड़ोसी भी संक्रमित हो चुके हैं । कोरोना ने हमारे हर सुकून को डर में बदल दिया है। सोचने वाली बात है की एक सूक्ष्म वायरस जो हमारे जीवन को तहस-नहस कर दिया है हमारे जीवन में एक बड़ा बदलाव लाया है
अच्छाई इसलिए की अलग-अलग प्रथक प्रथक रहने वाले परिवार अब एक ही छत के नीचे ज्यादा से ज्यादा समय बिता रहे हैं ।मोबाइल मैं बिजी रहने परिवार का महत्व समझने लगे हैं। जो कहीं गुम सी हो गई थी ।बरसों पहले हम लोग अपने दादा दादी नाना नानी के साथ ज्यादा वक्त बिताते थे ,आज कोरोना की वजह से वह वक्त वापस आया है ।साथ ही साथ कोविड-19 में प्रदूषण ना के बराबर हो गया है जिसके वजह से हमारा वातावरण शुद्ध हो गया है ।और ओजोन परत की छेद जो लगातार बढ़ती जा रही थी इस वायरस की वजह से भरने लगा है।
अपने घर की बात करें तो मेरे घर में बार-बार हाथ धोना, बाहर से आने पर स्नान करना, मैं तब से देख रही हूं जब पहली बार शादी के बाद इस घर में आई थी ।मेरी सासू मां नहाना धोना कुछ ज्यादा ही करते हैं ,और साथ में करवाती भी है। जिसके कारण हमेशा घर में झगड़े होते थे। यही वजह है कि मेरे हस्बैंड का बीपी हाई होने लगा और तबीयत खराब हो गया। जिससे किडनी पर प्रभाव पड़ा मैं बहुत दिन से सोचती थी कि मैं बताऊं यह सब बात कर मुझे लगा कोई विश्वास करेंगे या नहीं और वैसे भी बताना जरूरी नहीं समझती थी क्योंकि ये घर की बात है। पर कोविड -19 ने मन की बात बताने का मौका दिया, इसलिए अपनी बात आप सबके सामने रख दिया। अभी तो कोविड-19 और हसबैंड के प्रिकॉशन के कारण रोज घर में डिटॉल और फिनाइल का यूज करती हूं । मॉस्क और स्टेरलाइज जरूरी है।
इसलिए कोरोना का कोई खास प्रभाव मेरे जीवन में नहीं पड़ा।

लेखिका : रागिनी सिन्हा