मध्यमवर्गीय परेशानियां – मेरा कोरोना वर्ष अनुभव22

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#कोरोना#अनुभव

सभी सखियों को नीलू शर्मा का प्रणाम। मैं मध्यमवर्गीय परिवार से हूं।और स्वयं का निजी विद्यालय चलाती हूं। संयुक्त परिवार है।सभी इसी विद्यालय में पढ़ाते हैं।

सखियों कोरोना काल में जब से लाकडाऊन हुआ है और सारा काम काज ठप्प सा हो गया है। बहनों आप सभी तो इस बात से वाकिफ होंगी की इस काल में अमीर लोगों को तो कोई परेशानी नहीं होगी और गरीब लोगों को सरकार से सहायता मिल जाती है परंतु मध्यमवर्गीय परिवारों को बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। मैंने भी अपने स्कूल की गरीब बाईयों की जितनी मुझसे मदद हो सकी कर रही हूं।बच्चों की फीस जमा नहीं हो पाने के कारण अब एक डर सा बना हुआ है आगे स्थति कैसी होगी सब भगवान भरोसे है।कोरोना की मार ने सभी को भयभीत कर रखा है।कोरोना काल में मदद करने वालों को मेरा दिल से सलाम ।भगवान जल्दी ही सबको इस बीमारी से उबार दे। हमारी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में एकजुट होकर देश सेवा में अपनी भागीदारी निभाने का प्रयास करें। बहनों मैं चाहती हूं कि कोई भूखा न रहे। जितनी मुझसे मदद हो सकी है मैंने की है। इमानदारी से। भगवान हम सभी को इस काल में हिम्मत दे क्योंकि हमारी सखियों में भी सभी रिच फैमिली से नहीं होंगी मेरे जैसे मध्यम वर्ग से होंगी।।प्यारी बड़ी व छोटी बहनों अगर कुछ ग़लत लिखा हो तो क्षमा करिएगा।पहली बार अपना अनुभव बयां किया है

लेखिका नीलू शर्मा