#कोरोना #अनुभव प्रतियोगिता
*************************
कोरोना अनुभव मेरे हिसाब से मिलाजुला रहा। सबसे बड़ी बात फैमिली में एकदूसरे को भरपूर टाइम मिला, रोज़मर्रा के कामो में सब अपनी अपनी लाइफ में व्यस्त थे। हसबैंड को ऑफिस का काम, बच्चों को स्कूल ट्यूशन।बहुत ज्यादा वक्त ही नही मिलता था एकदूसरे के लिए, शाम होते होते सब थक जाते हैं। कितनी ही फैमिली की गलतफहमी दूर हुई होंगी। मेरे लिए तो मेरे अपने मेरे पास हो तो सबकुछ अच्छा ही लगता हैं फिर मुझे किसी बात की टेंशन नही।
मेरा बेटा 11th से ही बाहर है यानि हॉस्टल में रहता हैं। किसी भी माँ के लिए अपने बच्चों से दूर होना बहुत बड़ी बात है। 5 सालो में अब वो साथ रहा तो बहुत अच्छा लगा।सब मिलकर खूब एन्जॉय करते है कभी लूडो कभी ताश तो कभी गपशप। सबने मिलकर घर का काम किया,एक्सरसाइज की और काढ़ा तो हम डेली पी ही रहे है जब से कोरोना शुरू हुआ। मेरी बेटी तो एकदम परफेक्ट हो गयी हैं इस लोकडाउन में। उसने बहुत सारी डिशेज़ सीखी, पेंटिंग्स की, कुछ सिलाई भी की। हालांकि बहुत बड़ी नही है, 12th में है, लेकिन सब कामों में निपुण हो गयी हैं। हॉस्टल जाएगी तो टेंशन नही होगी।बस कुछ बातों के लिए खराब लगा जैसे बच्चों का जन्मदिन हमारी 25th एनीवर्सरी।बहुत प्लानिंग की थी कि धूमधाम से मनाएंगे पर बच्चों ने मुझे उदास देखकर गूगल मीट के जरिये सब घरवालों से मिला दिया। मैं कोलकाता रहती हूं। साल में एकबार ही इन छुट्टियों में घर यानि #UP जा पाती हूँ अबकी बार नही जा पाए यही दुख है। आगे भी पता नही कब तक जा पाएंगे घर आसपास सब रेडजोंन हो गया हैं सब घर में ही है।राशन वैगरह सब इक्कठा लेकर रख लिया है सब्जियां आते ही गर्म पानी से धोती हूं, बाहर से कुछ भी सामान लाते हैं तो 24 घण्टे ऐसे ही बालकॉनी में छोड़ देते हैं धूप में फिर यूज कर रहे है और इम्युनिटी के लिए एक्सरसाइज और काढ़ा पी रहे हैं जो मैने घर पर ही बनाया है।उसकी रेसिपी जल्द ही पोस्ट करूंगी आप सबके लिए ताकि सबको फायदा हो सके , एकबात और कहना चाहूंगी जिन लोगो का रोजगार चौपट हो गया हैं, जो लोग ठेले लगाते थे या और भो जो असहाय लोग है, उनकी यथासम्भव मदद करे। लोग उनकी पिक्स लेकर सोशल मीडिया पर लगा देते हैं कृपया ये ना करे। आप मदद कर रहे हैं तो दिखावा कैसा ये मेरा मानना है बाकी जो आपको उचित लगे
लेखिका ~दिव्या शर्मा