कोरोना वैशविक महामारी के बारे मैं मेरे अनुभव सकारात्मकता ओर नकारात्मकता का मिश्रण रहे 19 मार्च से स्कूल के बच्चों को मना कर दिया ओर जनता कर्फ्यू के बाद हमें भी। हम दोनों पति पत्नी शिक्षक हैं शुरुआत के दिन तो ऐसे गुजरे जैसे कोई खाजाना हाथ लगा हो काम की कोई भाग भागी नही ,पर ईश्वर को ये हमारी दिनचर्या अच्छी नहीं लगी । बागवानी करते समय पति देव के हाथ मैं चोट लग गई 10 टाके आऐ 28 माच को ।अब इन विषम परिस्थितियों से खुद को ओर परिवार को बाहर लाने के लिए घर मे सकारात्मकता के लिए रसोई मे नवीन तरह के पयोग किए जिससे वातावरण बहुत खुशनुमा हो गया । मैंने ओर चीनू दी ने मिल कर खुब रेसिपी बनाई ओर तैयार हो कर फोटोशूट किया । प्रवीणा जी ने जो विडिओ टास्क दिया वह अविस्मरणीय हैं। ओर सबसे जरुरी बात हम दोनों पति पत्नी 12 साल मे पहली बार इतना साथ रह रहे हैं । पतिदेव की जो धन संचय ओर राशन संचय की जो अच्छी आदत है उस कारण से किसी भी प्रकार की समस्या सामने नही आई। सबसे नया अनुभव on-line classes.
का रहा जिस मोबाइल को कभी विधालयो में अनुमति नहीं दी उसी के सहारे क्लास संचालित की ।
सभी भारतीयों से निवेदन करती हूँ कि घर पर रहे सुरक्षित रहे ओर यथा सम्भव सबकी मदद करें। जय श्री कृष्ण।
लेखिका – राखी व्यास