प्रकृति की नेमतें मुझे और भी हीनता का अनुभव कराती है जब मैं सोचता हूं कि मेरे घर के बगीचे में रखे पाळसिए यानि मिट्टी के बर्तन में रखे पानी को पीने के लिए चिडि़याएं आएं और पानी पीएं। इससे मेरे घर में चिडि़यों का संगीत गूंजता रहेगा। लेकिन इसके साथ ही मैं चाहता हूं कि वे बगीचे में उगी दूब को न खाएं। प्रकृति तो शायद ऐसा नहीं सोचती। बिना किसी रिटर्न की चाहत मुफ्त में हजारों चीजें उपलब्ध करा देती हैं जो जिंदगी को और भी भरपूर बना देती हैं।
अब रजनीगंधा और अनोखी मकड़ी
रजनीगंधा में खिला फूल और उस पर सफेद जीव छोटा सा
पूरी खूबसूरती के साथ
वह जीव मैं इसके बारे में कुछ नहीं जानता
मोगरा। इसे हाथी मोगरा भी कहते हैं।
जीव के बारे में किसी को पता हो तो बताइएगा। मैंने तो इसे पहली बार देखा है। यह मकड़ी की तरह दिखाई देता है। सभी फोटो इनलार्ज हो सकते हैं।
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